scriptBreaking: शॉर्टकट लर्निंग लाइसेंस बनवाने का सच जानने डिप्टी कमिश्नर ने RTO दुर्ग में दी दबिश | Deputy commissioner Raid RTO Durg | Patrika News

Breaking: शॉर्टकट लर्निंग लाइसेंस बनवाने का सच जानने डिप्टी कमिश्नर ने RTO दुर्ग में दी दबिश

locationदुर्गPublished: Jul 04, 2018 01:50:05 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

परिवहन विभाग में चहेतों को विशेष सुविधा देने का खुलासा होने के बाद बुधवार को डिप्टी कमिश्नर श्वेता सिन्हा ने परिवहन कार्यालय दुर्ग में दबिश दी।

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Breaking: शॉर्टकट ड्रायविंग लाइसेंस बनवाने का सच जानने डिप्टी कमिश्नर ने RTO दुर्ग में दी दबिश

दुर्ग. सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में आरटीओ की महिला कर्मचारी के द्वारा परिवहन विभाग में चहेतों को विशेष सुविधा देने का खुलासा होने के बाद बुधवार को डिप्टी कमिश्नर श्वेता सिन्हा ने परिवहन कार्यालय दुर्ग में दबिश दी। डिप्टी कमिश्नर के साथ पहुंचे अधिकारियों की टीम ने कमरा अंदर से बंद कर दिया है। प्रमुख दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
वायरल वीडियो में कर्मचारी आपस में चर्चा कर रहे हैं कि आवेदन पर हरे की स्याही से अर्जेट लिखा है तो लर्निग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन परीक्षा देने की जरुरत भी नहीं। खास बात यह है कि कमरा नंबर 5 में बैठने वाले साहब के हरे रंग की भाषा विभाग के बाबू बखूबी समझते हैं।
इस तरह का चल रहा खेल
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में अधिकारी नया खेल शुरू कर दिया है। ऑनलाइन परीक्षा में पहली मर्तबा अगर किसी को पास होना है तो टीआई स्तर के अधिकारी से सेंटिंग आवश्यक है। सेटिंग हो गई तो दस्तावेज में हरे रंग की स्याही वाले पेन से अर्जेंट लिख अधिकारी साइन करते हैं। इस रंग की स्याही से दस्तावेज में अधिकारी की चिडिय़ा बैठ गई तो उस व्यक्ति को लर्निंग लायसेंस बनाने के प्रक्रिया शार्टकट हो जाती है।
कार्यालय के काउंटर तक जाने की जरुरत ही नहीं पड़ती। कर्मचारी पीछे का दरवाजा खोल सीधे उस डिलिंग क्लर्क के पास ले जाते है जिसके पास ऑनलाइन परीक्षा लेने विभाग ने अधिकृत है। हरे रंग के पने से लिखे अर्जेंट को देख काउंटर के सामने कतार पर खड़े दर्जनों की संख्या में खड़े लोगों की परवाह किए बिना कर्मचारी बिना सवाल जवाब के औपचारिकता पूरी कर देते हैं।
नहीं पूछा जाता सवाल
हरे रंग की स्याही की ताकत इतनी है कि वहां के कर्मचारी नियमों व कानून को दर किनार कर देते हैं। कर्मचारी सवाल को बताए बिना ही उत्तर लिख ओके रिपोर्टदेते हैं। सारा कार्य ऑनलाइन प्रक्रिया से होना है इसलिए अधिकारी को ओके कहने की जरुरत भी नहीं। इसके बाद सीधा उस व्यक्ति को ट्रायल के लिए बुलाया जाता है। वह भी महज खानापूर्तिहोता है।
एक दिन में १ लाख लोगों ने देखा वीडियो
मामले का खुलासा फेसबुक में चल रहे एक वीडियो से हुआ। वीडियो बनाने वाला कोई और नहीं लर्निंग लाइसेंस बनवाने कार्यालय पहुंचा युवक ही है। २९ जून को वीडियो बनाने के बाद उस युवक ने अपने फेसबुक में वीडियो को २ जुलाई को अपलोड किया। खास बात यह है कि एक ही देन में फेस बुक के माध्यम से वीडियो को एक लाख लोगों ने देखा।
मामले का खुलासा करने वाले युवक ने बताया आंखों देखा हाल
दीक्षित कालोनी नेहरु नगर निवासी शहबाज खान (३० वर्ष) ने चर्चा में बताया कि लर्निंग लायसेंस बनाने उसने ऑनलाइन शुल्क ३५५ रुपए जमा किया है। इसके बाद वह परीक्षा देने पहुंचा था। २९ जून शुक्रवार को जैसे ही वह काउंटर पर पहुंचा कमरे में एक कर्मचारी के साथ लड़की पहुंची। उसके दस्तावेज पर हरे रंग से अर्जेंट लिखा हुआ था।
जिसे देखने के बाद परीक्षा लेने वाली मैडम ने पहले उसका काम करने लगी। खास बात यह है कि मैडम ने उस लड़की से सवाल नहीं पूछा। उत्तर को खुद ही टाइप की। सवाल जवाब करने पर मैडम का कहना था कि अगर कक्ष क्रंमाक पांच में बैठे शर्मा साहब हरे रंग से अर्जेंट लिख देते हैं तो वे उनका भी काम कर देंगी।
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