scriptजागो ग्राहक जागो: ऑनलाइन शॉपिंग से मंगाया था मोबाइल, सीलपैक डिब्बे में घर पहुंचा टाइल्स के टुकड़े | Did the pieces of tiles reached the mobile order online | Patrika News
दुर्ग

जागो ग्राहक जागो: ऑनलाइन शॉपिंग से मंगाया था मोबाइल, सीलपैक डिब्बे में घर पहुंचा टाइल्स के टुकड़े

ऑनलाइन शॉपिंग (Online shopping) कंपनी से आए पार्सल खोलने पर खुलासा हुआ कि सीलपैक डिब्बे में मोबाइल की जगह टूटे हुए टाइल्स के टुकड़े हैंं।

दुर्गDec 04, 2019 / 12:15 pm

Dakshi Sahu

जागो ग्राहक जागो: ऑनलाइन शॉपिंग से मंगाया था मोबाइल, सीलपैक डिब्बे में घर पहुंचा टाइल्स के टुकड़े

जागो ग्राहक जागो: ऑनलाइन शॉपिंग से मंगाया था मोबाइल, सीलपैक डिब्बे में घर पहुंचा टाइल्स के टुकड़े

दुर्ग. ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी से आए पार्सल खोलने पर खुलासा हुआ कि सीलपैक डिब्बे में मोबाइल (Online order mobile phone) की जगह टूटे हुए टाइल्स के टुकड़े हैंं। जिला उपभोक्ता फोरम (Durg district consumer forum) ने ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी इबे इंडिया प्राइवेट लिमिटेड व उसके सहयोगी व्यावसायिक संस्थान एरोमैक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और श्रीकृष्णा सेल्स एजेंसी (जयपुर) को दोषी ठहराया है। फोरम के सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने एक माह में 23,900 रुपए हर्जाना जमा करने का आदेश दिया है। इस मामले में परिवाद आपापुरा निवासी लोकेश कुमार सिंह ने प्रस्तुत किया था।
कंपनी को ठहराया दोषी
फोरम ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कहा कि ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी सामान बेचने के लिए व्यवसायियों को प्लेटफार्म उपलब्ध कराती है। ग्राहक के प्रति सबसे पहली जवाबदारी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी की बनती है, क्योंकि ग्राहक को इस बात से कोई सरोकार नहीं है कि आर्डर किए गए सामान का सप्लायर और विक्रेता कौन है। ग्राहक सीधे तौर पर ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी को ऑर्डर करता है। वह राशि का भुगतान भी उसी को करता है। इसलिए ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी को किसी भी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं माना जा सकता है। दोषपूर्ण सामान की डिलीवरी हुई तो जिम्मेदारी स्वीकार करने की बजाय उससे विमुख होने का प्रयास करना गलत है।
यह है मामला
लोकेश कुमार सिंह ने ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी इबे इंडिया से शिओमी का रेडमी मोबाइल आर्डर किया था। मोबाइल की कीमत 12,900 भुगतान भी किया। इसके बाद कंपनी ने उसे 7 जून 2017 को पार्सल दिया। पार्सल खोलते ही अवाक रह गया। डिब्बे में मोबाइल के स्थान पर टाइल्स के टुकड़े निकले। जिसकी तस्वीर कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी दर्ज हुई, इसके बाद परिवादी लगातार शॉपिंग कंपनी को ई-मेल से शिकायत दर्ज कराता रहा लेकिन उसकी समस्या का कोई समाधान नहीं किया गया।
बचाव यह दलील दी
सुनवाई के दौरान ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी इबे इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसके कोरियर पार्टनर की ओर से अधिवक्ता उपस्थित हुए, लेकिन उन्होंने किसी तरह का जवाब प्रस्तुत नहीं किया। वहीं कंपनी के सहयोगी संस्थान कृष्णा सेल्स एजेंसीज ने दलील दी कि परिवादी और उसके बीच कोई संव्यवहार नहीं हुआ है, उसका परिवादी से उसका कोई सीधा संबंध नहीं है इसलिए परिवादी उसका उपभोक्ता नहीं है। इसलिए परिवाद निरस्त किया जाए। फोरम ने उनका तर्क खारिज कर दिया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो