दुर्ग

पहले तोड़ा स्कूल भवन, टंकी की जगह भी बदल दिया, लोगों ने घेरा तो पैदल भूमिपूजन करने पहुंच गए नेता

विधायक अरुण वोरा और महापौर चंद्रिका चंद्राकर न सिर्फ लोगों के साथ पैदल चलकर मौके पर पहुंचे, बल्कि जनभावना का हवाला देते हुए टंकी निर्माण के लिए भूमिपूजन भी किया। दोनों नेताओं ने स्कूल भवन का भी निरीक्षण किया और तत्काल नए भवन का काम शुरू कराने का भरोसा भी दिलाया।

दुर्गJul 26, 2019 / 09:35 pm

Hemant Kapoor

पहले तोड़ा स्कूल भवन, टंकी की जगह भी बदल दिया, लोगों ने किया घेराव को पैदल भूमिपूजन करने पहुंच गए नेता

दुर्ग. निगम प्रशासन की मनमानी पर मिलपारा के लोगों का गुस्सा जमकर फूटा। शहर सरकार ने मिलपारा में बिजनेस कॉम्पलेक्स बनाने के नाम पर पहले तो वर्षों से चल रहे सरकारी स्कूल का भवन तोड़ दिया। इतना ही नहीं अवैध कब्जे की अड़चन बताकर अमृत मिशन के तहत प्रस्तावित पानी की ओवरहेड टंकी की भी जगह बदल दी। इससे नाराज लोगों शुक्रवार को निगम कार्यालय घेराव किया। इसके बाद आनन-फानन में पहुंचे विधायक अरुण वोरा और महापौर चंद्रिका चंद्राकर न सिर्फ लोगों के साथ पैदल चलकर मौके पर पहुंचे, बल्कि जनभावना का हवाला देते हुए टंकी निर्माण के लिए भूमिपूजन भी किया। दोनों नेताओं ने स्कूल भवन का भी निरीक्षण किया और तत्काल नए भवन का काम शुरू कराने का भरोसा भी दिलाया।

एक साल से बंद स्कूल का काम
मिलपारा में यह स्कूल वर्ष 1956 से संचालित था। उक्त जगह पर 1.78 करोड़ से व्यवसायिक कॉम्पलेक्स के साथ नया स्कूल भवन बनाने की बात कहते हुए पुराने भवन को तोड़ दिया गया था। पिछले साल जून में महापौर चंद्रिका चंद्राकर ने निर्माण के लिए भूमिपूजन भी किया था। इसके साथ ही काम भी शुरू कराया गया, लेकिन ठेकेदार कुछ हिस्से में प्लींथ लेबल तक काम कर गायब हो गया।

बदल दिया टंकी का प्रपोजल
अमृत मिशन के तहत गंज मंडी के पीछे 3400 किलोलीटर क्षमता की ओवरहेड पानी टंकी बनाना है। टंकी के लिए प्रस्तावित जगह पर दर्जनभर अवैध कब्जा है। कब्जाधारियों को टंकी के नीचे दुकानें बनाकर देने की शर्त पर बेदखली की योजना बनाई गई थी, लेकिन बाद में अफसरों ने टंकी की जगह ही बदल दिया और शनिचरी बाजार इलाके में शिफ्ट करने का प्रस्ताव बना दिया।

लोगों की नाराजगी की वजह यह
शास्त्री स्कूल में 100 से ज्यादा बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। इन्हें अब भारी ट्रेफिक वाली जीई रोड क्रॉस कर करीब 2 किलोमीटर दूर दूसरे मोहल्ले के स्कूल में जाना पड़ता है। दूसरी ओर मिलपारा इलाके में गंभीर जल संकट की स्थिति रहती है। वहीं अवैध कब्जे से लोग अलग परेशान हैं। इसके बाद भी लोगों को विश्वास में लिए बिना टंकी की जगह बदल दी गई।

श्रेय की होड़ में पैदल निकले नेता
निगम के घेराव के दौरान निगम की राजनीतिक दृश्य बदला हुआ नजर आया। जैसे ही प्रदर्शनकारी निगम पहुंचे, विधायक अरुण वोरा और महापौर चंद्रिका चंद्राकर दोनों भी मौके पर पहुंच गए। दोनों ने एक साथ प्रदर्शनकारियों की बात सुनी और डिमांड पर पैदल ही भूमिपूजन के लिए मिलपारा रवाना हो गए। सामान्य तौर पर ऐेसे अवसरों पर दलीय निष्ठा के चलते नेताओं के सामने नहीं आने की शिकायतें रहती है।
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