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श्रेय की राजनीति में यहां महापौर और विधायक की आपस में ठनी, विवाद से गरमाई ऐसी राजनीति, प्रदेशभर में चर्चा

locationदुर्गPublished: Aug 29, 2019 04:48:19 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

दुर्ग . नगर निगम में श्रेय की राजनीति के चलते विधायक अरुण वोरा और महापौर चंद्रिका चंद्राकर एक बार फिर आमने-सामने हो गए हैं।

श्रेय की राजनीति में यहां महापौर और विधायक की आपस में ठनी, विवाद से गरमाई ऐसी राजनीति, प्रदेशभर में चर्चा

श्रेय की राजनीति में यहां महापौर और विधायक की आपस में ठनी, विवाद से गरमाई ऐसी राजनीति, प्रदेशभर में चर्चा

दुर्ग . नगर निगम में श्रेय की राजनीति के चलते विधायक अरुण वोरा और महापौर चंद्रिका चंद्राकर एक बार फिर आमने-सामने हो गए हैं। इस बार वजह बनी है प्रकाश योजना के तहत स्वीकृत एलइडी लाइट। शासन ने योजना के तहत निगम को 1096 एलइडी लाइट उपलब्ध कराया है। विधायक वोरा से स्वीकृत कराने का दावा कर रहे हैं। महापौर और एमआइसी सदस्यों का कहना है कि यह स्वाभाविक प्रक्रिया है और विधायक श्रेय के लिए निगम के कामकाज पर अनावश्यक हस्तक्षेप कर रहे हैं।
इस तरह शुरू हुआ विवाद
शासन द्वारा भेजे गए एलइडी लाइट निगम के गोडाउन में रखे हैं। मंगलवार को विधायक समर्थकों के साथ यहां निरीक्षण के लिए पहुंचे और उन्होंने खुद स्वीकृत कराने का दावा करते हुए विज्ञप्ति जारी कर दिया। इससे महापौर व एमआइसी सदस्य बिगड़ गए और उन्होंने भी खिलाफत में विज्ञप्ति जारी कर दिया।
विधायक का यह दावा
विधायक अरुण वोरा का कहना है कि उन्होंने नगरीय प्रशासन के संचालक श्याम पटेल से चर्चालकर 1000 एलइडी लाइट की मांग की थी। इस पर 23 लाखल 55 हजार से 35 वाट के 396 और 70 वाट के 700 एलइडी लाइट भेजा गया है। उनका कहना है कि नई लाइट लगाने पर निगम प्रशासन का ध्यान नहीं होने व जनता की परेशानी को देखते हुए उन्होंने इसके लिए पहल की थी।
महापौर का यह तर्क
महापौर चंद्रिका चंद्राकर और उनके एमआइसी मेम्बरों का पंडित दीनदयाल पथ प्रकाश योजना के तहत सड़कों पर लगाए गए नए खंबों के लिए1000 एलइडी लाइट की मांग पत्र लिख कर पूर्व सरकार से की गई थी। चुनावों के कारण यह विलंब से एक दिन पहले ही मिला है। विधायक नेे श्रेय लेने के लिए निगम के गोदाम में जाकर फोटो खिचवा लिया।
मेंटेनेंस नहीं कर रही कंपनी
पूर्व में लगाए गए लाइटों के लिए नगर निगम ने इनर्जी इफिसिएंसी सर्विसेस लिमिटेड (इइएसएल) रायपुर से अनुबंध किया है। इसके तहत 18,35 व 110 वॉट की एलइडी लगाया गया है। ठेका कंपनी पर लाइट लगाने के साथ 7 साल तक मेंटेनेंस की भी जिम्मेदारी है। फिर भी कंपनी मरम्मत नहीं कर रही, लेकिन किसी ने इसके लिए पहल नहीं किया।
गुणवत्ता को लेकर भी शिकायत
कांग्रेसी पार्षद एलइडी की गुणवत्ता को लेकर पहले ही शिकायत करते रहे हैं। पार्षदों ने इसकी शिकायत कलक्टर से भी की थी। पार्षदों का आरोप है कि गुणवत्ताविहीन एलइडी के साथ अधिकतर जगहों में 35 की जगह 18 वोल्ट के बल्ब लगा दिए गए हैं। अब इन्हें बदला भी नही ंजा रहा है।
विधायक ने कहा जनता का हूं सेवक
इससे पहले भी शहर में 10.64 करोड़ की लागत से शहर के 18 हजार 164 स्ट्रीट पोल पर एलइडी लाइट लगाए गए थे, लेकिन इनमें से 1 हजार से ज्यादा एलइडी खराब हो गए हैं। इन लाइटों को ठेका कंपनी को बदलकर देना है, लेकिन कंपनी काम नहीं कर रही। इससे चलते गौरव पथ सहित शहर के कई हिस्सों में करीब 6 माह से अंधेरा पसरा हुआ है। विधायक अरूण वोरा ने कहा कि विकास में प्रतिस्पर्धा नहीं होनी चाहिए, इसकी जगह काम करके दिखाने का प्रयास करें। पिछले पांच साल में महापौर व उनके मेम्बर काम करते तो जनता को यह परेशानी नहीं उठानी पड़ती।निगम को विकास के लिए राज्य सरकार ही राशि उपलब्ध करा रही है। 
श्रेय लेने की होड़ में विधायक
महापौर चंद्रिका चंद्राकर ने कहा कि विधायक श्रेय लेने की लालसा में पद की मर्यादा को भूल गए है और गरिमा के विपरीत काम कर रहे हैं। निगम प्रशासन की जानकारी व अनुमति के बिना न सिर्फ उन्होंने जांच के बहाने जबरिया गोदाम में प्रवेश किया, बल्कि फोटोग्राफी भी कराई। यह सीधे तौर पर निगम के अधिकार का हनन है।

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