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भारतमाला परियोजना: एक ही जिले में एक ही योजना के लिए अलग-अलग मुआवजा, CM के क्षेत्र पाटन में चार और दुर्ग में दो गुना मुआवजा

locationदुर्गPublished: Oct 31, 2021 01:42:59 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

भारतमाला परियोजना के प्रस्तावित सिक्सलेन सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। इससे दुर्ग ब्लाक के 12 गांव के 635 किसानों को 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने की आशंका है।
 

दुर्ग. भारतमाला परियोजना के प्रस्तावित सिक्सलेन सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। परियोजना के लिए जमीन देने वाले किसानों को प्रावधान के अनुसार कलेक्टर दर से दोगुना और इतना ही सोलेसियम जोड़कर यानि 4 गुना मुआवजा दिया जाना है। पाटन ब्लाक के किसानों को इसी दर पर भुगतान किया जा रहा है, लेकिन दुर्ग के अफसरों ने इसकी जगह केवल कलेक्टर दर (एक गुना) और इतने ही सोलेसियम यानि 2 गुना दर पर मुआवजा का प्रस्ताव तैयार कर दिया है और इसी दर पर भुगतान के लिए नोटिस जारी कर दिया है। इससे दुर्ग ब्लाक के 12 गांव के 635 किसानों को 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने की आशंका है।
जिला प्रशासन की ओर से भू-अर्जन अधिकारी एसडीएम दुर्ग विनय पोयाम ने किसानों को मुआवजा राशि के वितरण के लिए नोटिस जारी किया है। इसमें इसका खुलासा हुआ है। पत्रक में 25 फरवरी 2019 को अवार्ड पारित किए जाने की जानकारी देकर मुआवजा वितरण के लिए जरूरी दस्तावेजों के साथ एसडीएम कार्यालय में उपस्थिति के लिए कहा गया है। इधर एक ही जिले में एक ही योजना के तहत अलग-अलग दर पर मुआवजा वितरण से नाराज किसानों ने आपत्ति दर्ज करानी शुरू कर दी है।
केंद्र सरकार की भारत माला परियोजना के तहत दुर्ग के अंजोरा से रायपुर के आरंग के बीच 92 किमी सिक्स लेन एक्सप्रेस कॉरिडोर सड़क का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए जिले के 26 गांवों के 1349 किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है। इसमें दुर्ग ब्लॉक के अंजोरा से लेकर उतई तक 12 गांवों के 635 किसानों के करीब 113 हेक्टेयर जमीन भी शामिल है।
जानिए क्या है गड़बड़ी – निरस्त हो चुके प्रावधान के अनुसार गणना
राज्य शासन के भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनव्र्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम के तहत अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित जमीन की कलेक्टर दर के दोगुने राशि में इतना ही सोलेसियम (अधिग्रहण के एवज में हर्जाना) जोड़कर मुआवजा तय किया जाना था। इसकी जगह अफसरों ने पुराने 30 अक्टूबर 2018 को निरस्त किए जा चुके प्रावधान के अनुसार कलेक्टर दर और इतना ही सोलिसियम जोड़कर प्रस्ताव भेज दिया था। इससे गणना में राशि 50 फीसदी कम हो गई ।
अनदेखी – किसानों की याचिका पर हाईकोर्ट ने दिया था आदेश
पूर्ववर्ती सरकार ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम और राजमार्ग प्राधिकरण के नियमों के तहत कलक्टर गाइड लाइन की दर से 2 गुना व इतने ही सोलेसियम के साथ मुआवजा के प्रावधान को बदलकर एक गुना कर दिया था। इसके खिलाफ किसानों ने हाइकोर्ट में याचिका लगाई थी। इस पर कोर्ट किसानों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए शासन को प्रावधान के अनुरूप मुआवजा देने के निर्देश दिए थे। इसके परिपालन में विधानसभा में विधेयक की मंजूरी के बाद इसे छत्तीसगढ़ भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनव्र्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम के रूप में राजपत्र में दो गुना दर और इतने ही सोलेसियम को मंजूरी मुआवजा निर्धारण से पहले दे दी थी।
खामियाजा – किसानों को 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
दुर्ग ब्लॉक के 12 गांव के 635 किसानों का करीब 113.31 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है। भूमि अधिग्रहण अधिनियम और राजमार्ग प्राधिकरण के नियमों के तहत कलक्टर गाइड लाइन की दर से 2 गुना व इतने ही सोलेसियम के साथ मुआवजा के गणना के आधार पर गणना की जाती तो किसानों को 205 करोड़ से ज्यादा मुआवजा मिलता, लेकिन मौजूदा प्रस्ताव से केवल 100 करोड़ मिलने की संभावना है। नेशनल हाइवे ने भी केवल 100 करोड़ दिए हैं। इस तरह करीब 105 करोड़ किसानों के खाते में कम आएगा।
मोर्चाबंदी -किसानों ने दर्ज कराई आपत्ति
इधर मुआवजा सूचना पत्रक मिलने के साथ ही मामले को लेकर किसानों की नाराजगी फूटनी शुरू हो गई है। करीब 150 किसानों ने भू-अर्जन कार्यालय में आपत्ति दर्ज कराई है। किसानों ने इसे लेकर बैठक भी की है। जिसमें मंत्री की भूमिका को लेकर सवाल खड़ा करते हुए मोर्चे की रणनीति बनाई गई। इधर मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी केंद्रीय मंत्री गड़करी को पत्र लिखकर नियमानुसार मुआवजे की मांग की है।
पाटन में चार गुना मुआवजा, वितरण भी शुरू
इधर पाटन में किसानों के लिए मुआवजा का निर्धारण 25 नवंबर 2019 को किया गया है। यहां नियमानुसार ाज्य शासन के भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनव्र्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम के तहत कलेक्टर दर के दोगुने राशि में इतना ही सोलेसियम (अधिग्रहण के एवज में हर्जाना) जोड़कर यानि चार गुना मुआवजा तय किया है। पाटन में विवाद रहित मामलों में मुआवजा वितरण भी शुरू कर दिया गया है।
एसडीएम व भू-अर्जन अधिकारी दुर्ग विनय पोयाम ने बताया कि मुआवजा का प्रकरण मेरे आने से पहले का तैयार किया हुआ है। इसमें दोगुना भुगतान का प्रावधान है। इसी के अनुसार पत्रक भेजा गया है। किसान दावा-आपत्ति कर रहे हैं। आपत्तियों के निराकरण का अधिकार हमें नहीं है। आपत्तियों के निराकरण के लिए सक्षम प्राधिकार के समक्ष जाने की सलाह किसानों को दी जा रही है। जेके वर्मा प्रभावित किसान व एडवोकेट ने बताया कि भू-अर्जन अधिकारियों द्वारा नियमों की अनदेखी के कारण मुआवजे के लेकर व्यापक विसंगति की स्थिति बन गई है। पहले ही निरस्त व रद्द घोषित गुणांक के आधार पर गणना कर दी गई है। यह किसानों के ऊपर अन्याय व न्यायालय की अवहेना है। सरकार को मामले पर संज्ञान लेकर समाधान निकालना चाहिए
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