दरअसल बाजार के फुटकर व्यापारी से लेकर पेट्रोल पंप के कर्मचारी, सब्जी विक्रेता और अनाज व्यापारी दिनेश हीरा से परेशान थे। वह हर रोज नए नए दुकान में जाकर सामान खरीदता और असली की जगह नकली नोट थमाकर भाग निकलता। बाद में नोट के नकली होने की जानकारी निकलने पर व्यापारी माथा पीटते बैठते थे। अनाज लाइन और सब्जी विक्रेता के पास बार-बार नकली नोट मिलने पर व्यापारी को शंका हो गया। वे सीसी टीवी फुटेज की मदद से पहले नोट थमाने वाले व्यक्ति को चिन्हित किया। इसके बाद वे इंतजार करने लगे।
शुक्रवार सुबह 11 बजे दिनेश हीरा अनाज लाइन स्थित घेसूलाल-मदन लाल बाकलीवाल अनाज दुकान पहुंचा। दुकान संचालक उसे पहचान करने के बाद अनजान बना। उसने चावल खरीदकर कुल 1300 रुपए दिए। जिसमें 500 के दो नोट और 200 के एक और 100 का एक नोट शामिल था। नोट नकली होने पर व्यापारी ने काउंटर से बाहर आया और तत्काल उसे पकड़कर शोर मचाया। इसके बाद दिनेश हिरा को पुलिस के हवाले कर दिया गया।
स्वंय को बताया आयुर्वेदक डॉक्टर
दिनेश हीरा पिछले 10 वर्षो से गयानगर क्षेत्र में रह रहा है। वह आयुर्वेदिक क्लिनिक का संचालन करता है। वह क्लिीनिक चलाने स्वास्थ्य विभाग से पंजीयन कराए जाने का दावा कर रहा है। हालांकि पुलिस का कहना है कि उसका पंजीयन प्रमाण पत्र भी फर्जी है। वह शहर के कई स्थानों पर बिना चीरफाड़ के अंडकोस व बवासर का ईलाज कराने पोस्टर भी चस्पा करवा रखा है।
मिले 8 हजार नकली नोट
मामला जैसे ही थाना पहुंचा पुलिस ने उसकी तलाशी ली। पर्स में रखे लगभग चार हजार नोट नकली थे। जांच करने पुलिस घर पुहंची तो हतप्रभ रह गई। घर पर कलर प्रिंटर और कोरा कागज मिला। तलाशी के दौरान पुलिस ने आरोपी के पास कुल 8560 रुपए नकली नोट जब्त किए हैं।
लगभग 1 लाख नकली नोट खपाने का अनुमान
अब तक हुई पूछताछ में यह बात सामने आई है कि आरोपी पिछले तीन माह से गोरख धंधा कर रहा था। वह अब तक कितने व्यापारियों को चूना लगाया है इसका खुलासा तो नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस का अनुमान है कि दिनेश हिरा ने शहर के दर्जनों व्यापारियों को लगभग 1 लाख का चुना लग चुका है।