इस प्रकरण में मोहन नगर पुलिस ने आरोपी की मां टी महाकाली (40 वर्ष) और पिता टी व्यकेट राजू (45) को भी सह आरोपी बनाया था। न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए दोनों ही आरोपी को दहेज मांगने और टी ममता को प्रताडि़त करने का दोषी ठहराया। इस दपंत्ती को 13 माह कारावास की सजा सुनाई गई। न्यायालय ने अभिरक्षा के दौरान जेल में बिताए गए अवधि को सजा में समायोजित किया है।
6 फरवरी 2018 को दर्ज हुआ था एफआइआर
घटना का खुलासा 6 फरवरी 2018 को हुआ था। आरोपियों के खिलाफ मोहन नगर पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर गिरफ्तारी की और अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। पुलिस के मुताबिक घटना के समय टी ममता अपने मायके में थी। मायके भी उसी मोहल्ले में पास में ही है।
5 फरवरी की रात आरोपी ने ममता से फोन में बातचीत की और दोनों आधी रात छत पर चर्चाकरने बैठ गए। इस दौरान टी याकूब ने अपनी पत्नी के सिर पर पहले ईंट से वार किया। फिर गला घोट कर हत्या कर दी। बाद में हत्या को आत्महत्या का रुप देने सीढ़ी पर लगे ग्रील पर शव को फांसी के फंदे पर लटकाने का प्रयास कर रहा था। इसी बीच परिजनों की नजर पडऩे पर टी याकूब वहां से भाग गया।
याकूब शुरू से अपनी पत्नी को पंसद नहीं करता था। वह किसी अन्य लड़की को चाहता था। शादी के बाद भी वह उस लड़की के साथ मेल जोल रखता था। इसकी जानकारी ममता को हो गई थी।वह विरोध करती थी। इसी बात पर दोनों के बीच विवाद बढऩे लगा। याकूब ने ममता गर्भवती हुई तो उसे गर्भपात की दवा खिलाने का भी प्रयास किया था। इस घटना के बाद से ही ममता अपने मायके में रह रही थी। पोस्टमार्ट में खुलासा हुआ था कि ममता दो माह की गर्भवती है।
फैसला सुन पिता की आंखे भर आई
मृतक महिला टी. ममता की मां और पिता को कैंसर था। ममता की मृत्यु के छह माह पहले ही उसकी मां का देहांत हुआ था। ममता के पिता ने ऑपरेशन कराया है। बेटी के हत्यारे को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने की जानकारी मिलते ही कैंसर पीडि़त पिता की आंखे भर आईं।