स्टेशन प्रबंधक तामिलनाडू की ओर से अधिवक्ता वकालतनामा प्रस्तुत कर जवाब पेश करने का समय मांगा था। निर्धारित समय के बाद भी जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया। वहीं दुर्ग स्टेशन प्रबंधक और वाणिज्य प्रबंधक ने बचाव में कहा कि घटना यहां से संबंधित नहीं है।
रेलवे में अगर कोई व्यक्ति सफर करता है तो उसके लिए संपूर्ण रेलवे जिम्मेदार है। जिस सुविधा के लिए व्यक्ति टिकट लेता है और उस सुविधा से उसे वंचित कर दिया जाए तो मानसिक कष्ट होना स्वभाविक है। यात्री को अगर मानसिक कष्ट हुआ है तो तीनों अनावेदक जिम्मेदार है।
परिवाद के मुताबिक शंकर चौहान रामेश्वरम व कन्याकुमारी यात्रा करने के लिए २३ मार्च २०१६ को ऑनलाइन टिकट लिया था। इसके लिए उसने ३८०४.९० रुपए का भुगतान किया था। बैंगलुरू से कन्याकुमारी जाते समय २४ अप्रैल २०१६ को टीटी ने यह कहते हुए जबरदस्ती फाइन किया कि ८ वर्षीय गोपाल चौहान का टिकट कन्फर्म नहीं है। कोच में लगे चार्ट का हवाला देने के बाद भी टीटी ने ६५० रुपए का जुर्माना वसूल लिया।