भैंसदा सहकारी समिति खरीदी केंद्र यह फैसला सेक्टर छह भिलाई निवासी धनंजय कुमार दुबे 44 वर्ष के परिवाद पर फोरम ने सुनाया है। धनंजय ने भैंसदा सहकारी समिति के खरीदी केंद्र पर धान बेचा था। वहां से मिले चेक को एसबीआई भिलाई ब्रांच में जमा किया था। जब रुपए खाते में नहीं आए तब बैंक से संपर्क किया। बैंक ने बताया कि चेक क्लीयरेंस के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासुपर को भेजा है। कई बार बात करने पर भी भुगतान नहीं हुआ तब परिवाद पेश किया।
फसल उगाने वाले किसान को मानसिक कष्ट क्यों फैसले में जिला उपभोक्ता फोरम ने कहा कि बैंकिग कार्य उच्च स्तरीय सेवा है। चेक चोरी या गुम हो जाए तो अविलम्ब हितग्राही के खाते में चेक में अंकित रुपए करने चाहिए। एक किसान मेहनत से फसल उगाता है। उसकी देखभाल करता है। कटाई के बाद पसीना बहाकर मंडी ले जाता है। तब जाकर उसका मेहनताना मिलता है। चेक गुम होने से वह फसल की कीमत और उसपर मिलने वाले ब्याज से वंचित हो गया।
नहीं आए बैंक अधिकारी
फोरम ने बैंक का पक्ष जानने के लिए अनावेदक बैंक को नोटिस दिया था। इसके बाद भी सुनवाई में वे उपस्थिति नही हुए और जवाब भी प्रस्तुत नहीं किया। इसे देखते हुए बैंक ने एकपक्षीय फैसला सुनाया।
फोरम ने बैंक का पक्ष जानने के लिए अनावेदक बैंक को नोटिस दिया था। इसके बाद भी सुनवाई में वे उपस्थिति नही हुए और जवाब भी प्रस्तुत नहीं किया। इसे देखते हुए बैंक ने एकपक्षीय फैसला सुनाया।