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पत्नी के कैरेक्टर पर शक हुआ तो उसे जिंदा जलाकर मार डाला, 18 गवाहों को सुनकर जज ने हत्यारे पति को दी ये बड़ी सजा

locationदुर्गPublished: Mar 05, 2019 09:04:50 pm

Submitted by:

Naresh Verma

न्यायाधीश विजय साहू ने बजरंग चौक बोरसी निवासी राजू यादव (40 वर्ष) को पत्नी की जिंदा जलाकर हत्या करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उस पर 1000 रुपए जुर्माना भी लगाया।

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पत्नी के मृत्यु पूर्व बयान से मिली जिंदा जलाने वाले पति को उम्रकैद

दुर्ग. न्यायाधीश विजय साहू ने बजरंग चौक बोरसी निवासी राजू यादव (40 वर्ष) को पत्नी की जिंदा जलाकर हत्या करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उस पर 1000 रुपए जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। इस मामले में पुलिस के सभी गवाह न्यायालय में अपने बयान से मुकर गए।
न्यायालय ने मृतका के मृत्यु पूर्व बयान का अहम माना और फैसला सुनाया। घटना 30 अक्टूबर 2016 शाम 7 बजे की है। प्रकरण के मुताबिक राजू यादव ने अपनी पत्नी आशा यादव को मातर पर्व कार्यक्रम स्थल से घर बुलकर लाया और उसके शरीर पर माचिस मार दी। इस घटना में आशा 65 प्रतिशत झुलस गई थी। उसे पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में सेक्टर-9 अस्पताल पहुंचाया गया। जहां 12 नवंबर 2016 को आशा की मौत हो गई।
पति ने चरित्र पर संदेह कर उसे जलाया
आशा ने मृत्यु से पहले नायब तहसीलदार जीपी नायक को बयान दिया था कि वह मातर पर्व देखने गई थी। कार्यक्रम देखने के दौरान वह अपने नंदोई भाई के साथ खड़ी थी। आयोजन स्थल पर सभी के लिए दूध की व्यवस्था थी। उसने एक गिलास दूध पिया और एक गिलास दूध अपने नंदोई भाई के लेकर आई। इसे देखकर उसका पति राजू यादव आक्रोशित हो गया। घर पहुंचने के बाद उसकी पिटाई की और चरित्र पर संदेह करते हुए उसे आग के हवाले कर दिया।
आशा आरोपी की दूसरी पत्नी थी
प्रकरण के मुताबिक राजू यादव की पहली पत्नी की मृत्यु आग से जलने से हो गई थी। इसके बाद उसने आशा से दूसरी शादी की थी। आशा पहले से एक बच्चे की मां थी। राजू से विवाह होने के बाद उसने एक बच्चे को जन्म दिया था।
18 गवाह प्रस्तुत किए
अतिरिक्त लोक अभियोजक नागेंद्र यदु ने बताया कि मृतक महिला से अभियुक्त ने 4 वर्ष पहले शादी की थी। पुलिस ने 18 गवाह प्रस्तुत किए थे। मृतका का नंदोईभाई और उसका सगा भाई दोनों ने न्यायालय में बयान बदल दिया। न्यायालय ने दोनों को पक्षद्रोह घोषित किया। न्यायालय ने मृत्यु पूर्व दिए महिला के बयान को सही माना और फैसला सुनाया।
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