आशा ने मृत्यु से पहले नायब तहसीलदार जीपी नायक को बयान दिया था कि वह मातर पर्व देखने गई थी। कार्यक्रम देखने के दौरान वह अपने नंदोई भाई के साथ खड़ी थी। आयोजन स्थल पर सभी के लिए दूध की व्यवस्था थी। उसने एक गिलास दूध पिया और एक गिलास दूध अपने नंदोई भाई के लेकर आई। इसे देखकर उसका पति राजू यादव आक्रोशित हो गया। घर पहुंचने के बाद उसकी पिटाई की और चरित्र पर संदेह करते हुए उसे आग के हवाले कर दिया।
प्रकरण के मुताबिक राजू यादव की पहली पत्नी की मृत्यु आग से जलने से हो गई थी। इसके बाद उसने आशा से दूसरी शादी की थी। आशा पहले से एक बच्चे की मां थी। राजू से विवाह होने के बाद उसने एक बच्चे को जन्म दिया था।
अतिरिक्त लोक अभियोजक नागेंद्र यदु ने बताया कि मृतक महिला से अभियुक्त ने 4 वर्ष पहले शादी की थी। पुलिस ने 18 गवाह प्रस्तुत किए थे। मृतका का नंदोईभाई और उसका सगा भाई दोनों ने न्यायालय में बयान बदल दिया। न्यायालय ने दोनों को पक्षद्रोह घोषित किया। न्यायालय ने मृत्यु पूर्व दिए महिला के बयान को सही माना और फैसला सुनाया।