शर्मा ने अपनी सफाई में कहा है कि मैंने अपने शासकीय सेवा काल में कभी भी शासकीय नियमों एवं निर्देशों कर अवहेलना नहीं की। दुर्र्भाग्यवश यूआरसी शरद तिवारी के निधन के बाद मेरे द्वारा प्रस्तुत व्यय संबंधित संर्पूण बिल व वाऊचर कार्यालय से आज पर्यंत अप्राप्त है। इस संबंध में बिल, वाऊचर और कैश बुक अप्राप्त होने की स्थिति में मैं अपनी पेंशन से अंतर राशि को चार-पांच किश्तों में जमा करने सहमत हंू। यदि भविष्य में यूआरसी कार्यालय से बिल वाऊचर एवं अन्य अभिलेख प्राप्त होते हैं तो मेरे द्वारा जमा अंतर राशि को वापस दिलाने की कृपा करेंगे।
घोटालेबाज प्रधान पाठक शर्मा पर शिक्षा विभाग भी मेहरबान है। कहीं न कहीं उसे बचाने का प्रयास किया जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास सिंह बघेल ने समन्वयक शहरी स्रोत केंद्र दुर्ग के जे. मनोहरण की एक सदस्यीय कमेटी से इसकी जांच तो कराई, लेकिन अब रिपोर्ट मिलने के बाद भी कार्रवाई में हीलहवाला किया जा रहा है। डीईओ ने पंडित जवाहर लाल नेहरू शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय न्यू खुर्सीपार की प्राचार्य प्रीति गुप्ता को संबधित थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने निर्देशित (पत्र क्रमांक 9220) तो कर दिया, लेकिन साथ में जांच प्रतिवेदन की प्रति नहीं भेजी। इसकी वजह से प्राचार्य, एचएम के खिलाफ अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं करा सकी है।
पंकज लाल शर्मा 15 जुलाई 2020 को प्रधान पाठक पद से सेवानिवृत्त हो गए थे। इसके बाद उन्हें सत्रांत अर्थात 30 अप्रैल 2021 तक अतिरिक्त सेवा वृद्धि मिल गई। उनके एक्सटेंसन की अवधि समाप्त हो गई थी, लेकिन 14 जून को जैसे ही सत्र की शुरुआत हुई, शर्मा ने फिर स्कूल आना शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने शाला प्रबंधन एवं विकास समिति (एसएमडीसी) के बिना अनुमोदन के समग्र शिक्षा के तहत शासन से अनुदान और इको क्लब मद में प्राप्त लगभग 70 हजार में से 60 हजार रुपए आहरित कर लिए। स्कूल के खाते में सिर्फ 10,000 रुपए शेष जमा है। उन्होंने जांच कमेटी क ो कैश बुक और बिल वाउचर भी नहीं दिया।