scriptदुर्ग जिला प्रशासन का दावा, एक सप्ताह में 22 फीसदी घटा संक्रमण, इधर एक दिन में 22 लोगों की कोरोना से मौत | Durg district administration claims, 22 Corona infection reduced | Patrika News

दुर्ग जिला प्रशासन का दावा, एक सप्ताह में 22 फीसदी घटा संक्रमण, इधर एक दिन में 22 लोगों की कोरोना से मौत

locationदुर्गPublished: Apr 19, 2021 02:04:45 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

Durg District प्रशासन एक हफ्ते में दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण 22 फीसदी घटने का दावा कर रहा है तो दूसरी ओर रविवार को फिर 22 मरीजों की कोरेाना से उपचार के दौरान मौत हो गई।

दुर्ग जिला प्रशासन का दावा, एक सप्ताह में 22 फीसदी घटा संक्रमण, इधर एक दिन में 22 लोगों की कोरोना से मौत

दुर्ग जिला प्रशासन का दावा, एक सप्ताह में 22 फीसदी घटा संक्रमण, इधर एक दिन में 22 लोगों की कोरोना से मौत

दुर्ग. दुर्ग जिला प्रशासन एक हफ्ते में दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण (coronavirus in Durg) 22 फीसदी घटने का दावा कर रहा है तो दूसरी ओर रविवार को फिर 22 मरीजों की कोरेाना से उपचार के दौरान मौत हो गई। वहीं 1262 नए संक्रमित मिले हैं। जिला प्रशासन ने एंटीजन टेस्ट के आंकड़ों के विश्लेषण से संक्रमण घटने का दावा कर रहा है। कोविड से मौतों का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। कोरोना के लिहाज से छत्तीसगढ़ के सबसे ज्यादा प्रभावित जिले में दुर्ग शामिल है। जिला प्रशासन के मुताबिक 10 अप्रैल को 2596 लोगों के एंटीजन टेस्ट किए गए थे। इनमें 1259 पॉजिटिव आए। यह कुल आंकड़ों का 48 प्रतिशत था। वहीं 17 अप्रैल को 3215 लोगों की टेस्टिंग एंटीजन के माध्यम से हुई। इनमें 815 पॉजिटिव आए। यह कुल आंकड़ों का 26 प्रतिशत है।
तेजी से गिर रहा संक्रमण का आंकड़ा
दुर्ग जिला प्रशासन ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते चार दिनों के आंकड़े देखें तो संक्रमण की दर क्रमश: 30, 32, 33 व 26 प्रतिशत रहा है। इस तरह एंटीजन टेस्ट में हुई गिरावट यह साबित करती है कि लॉकडाउन जिले में प्रभावी होता दिख रहा है। कोरोना संक्रमण पर इससे रोकथाम होने लगी है। 6 अप्रैल को कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने जिले में लॉकडाउन लगाया था। वहीं लॉकडाउन को क्रमश: दो बार आगे बढ़ाते हुए तालाबंदी की कार्रवाई की गइ्र्र है।
लॉकडाउन नहीं तो तेजी से बढ़ता संक्रमण
6 अप्रैल को लॉकडाउन लगाया गया। इस दिन 2659 एंटीजन टेस्ट हुए और 529 पॉजिटिव हुए। यह कुल मरीजों का 20 प्रतिशत था। अगले दिन यह आंकड़ा 34 प्रतिशत रहा। इसके बाद दो दिनों तक 40 और 41 प्रतिशत रहा। अगले दो दिन 48 प्रतिशत तक रहा। इससे यह पता चलता है कि संक्रमण किस तेजी से बढ़ रहा था। लॉकडाउन ने इसकी गति पर रोक लगाई। यदि लॉकडाउन नहीं लगाया जाता तो यह प्रतिशत कई गुना बढ़ जाता। आम तौर पर देखा जा रहा है कि परिवार के एक व्यक्ति के संक्रमित होने पर थोड़ा भी ध्यान नहीं रखने पर पूरे परिवार के संक्रमण की आशंका होती है। अधिकतर मामलों में यही हुआ। इन आंकड़ों से साफ जाहिर है कि लॉकडाउन की टाइमिंग बिल्कुल सही थी और इसके नतीजे प्रभावी रहे हैं। एंटीजन के नतीजे बता रहे दुर्ग जिले में एक हफ्ते में 22 प्रतिशत संक्रमण घटा। इसके मायने यह हैं कि लॉकडाउन कारगर साबित होता दिख रहा है
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो