दुर्ग जिला प्रशासन ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते चार दिनों के आंकड़े देखें तो संक्रमण की दर क्रमश: 30, 32, 33 व 26 प्रतिशत रहा है। इस तरह एंटीजन टेस्ट में हुई गिरावट यह साबित करती है कि लॉकडाउन जिले में प्रभावी होता दिख रहा है। कोरोना संक्रमण पर इससे रोकथाम होने लगी है। 6 अप्रैल को कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने जिले में लॉकडाउन लगाया था। वहीं लॉकडाउन को क्रमश: दो बार आगे बढ़ाते हुए तालाबंदी की कार्रवाई की गइ्र्र है।
6 अप्रैल को लॉकडाउन लगाया गया। इस दिन 2659 एंटीजन टेस्ट हुए और 529 पॉजिटिव हुए। यह कुल मरीजों का 20 प्रतिशत था। अगले दिन यह आंकड़ा 34 प्रतिशत रहा। इसके बाद दो दिनों तक 40 और 41 प्रतिशत रहा। अगले दो दिन 48 प्रतिशत तक रहा। इससे यह पता चलता है कि संक्रमण किस तेजी से बढ़ रहा था। लॉकडाउन ने इसकी गति पर रोक लगाई। यदि लॉकडाउन नहीं लगाया जाता तो यह प्रतिशत कई गुना बढ़ जाता। आम तौर पर देखा जा रहा है कि परिवार के एक व्यक्ति के संक्रमित होने पर थोड़ा भी ध्यान नहीं रखने पर पूरे परिवार के संक्रमण की आशंका होती है। अधिकतर मामलों में यही हुआ। इन आंकड़ों से साफ जाहिर है कि लॉकडाउन की टाइमिंग बिल्कुल सही थी और इसके नतीजे प्रभावी रहे हैं। एंटीजन के नतीजे बता रहे दुर्ग जिले में एक हफ्ते में 22 प्रतिशत संक्रमण घटा। इसके मायने यह हैं कि लॉकडाउन कारगर साबित होता दिख रहा है