आरोपी१ अगस्त 2017 की रात अपनी पत्नी से मासूम को छिनकर अपने कमरे में ले गया। तब बच्चा रो रहा था। कुछ देर बाद बच्चे के रोने की आवाज नहीं मिलने पर मां पल्लवी जैसे ही कमरे में गई तो चीख पड़ी। दो साल का मासूम आयुष जमीन पर चित पड़ा था। उसकी सांसे थम गई थी।
पल्लवी के चीखने से आरोपी के छोटा भाई ने मासूम को उठाकर जिला अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया था।
पुलिस के सभी गवाह बयान से मुकर गए
पुलिस ने अपनी कहानी को सही साबित करने के लिए आरोपी की पत्नी, उसकी मां और उसके छोटे भाई को मुख्य गवाह बनाया था। सुनवाई के दौरान सभी गवाह पुलिस के सामने दिए बयान से मुकर गए। न्यायालय ने माना कि हत्या होते किसी ने नहीं देखा है, लेकिन मासूम की मौत सिर में चोटे आने से हुई है। कमरे में केवल आरोपी ही था। इसलिए आरोपी मासूम की मौत के लिए जिम्मेदार है।
पुलिस ने अपनी कहानी को सही साबित करने के लिए आरोपी की पत्नी, उसकी मां और उसके छोटे भाई को मुख्य गवाह बनाया था। सुनवाई के दौरान सभी गवाह पुलिस के सामने दिए बयान से मुकर गए। न्यायालय ने माना कि हत्या होते किसी ने नहीं देखा है, लेकिन मासूम की मौत सिर में चोटे आने से हुई है। कमरे में केवल आरोपी ही था। इसलिए आरोपी मासूम की मौत के लिए जिम्मेदार है।
आरोपी ने परित्यक्ता को पत्नी बनाकर रखा था
पल्लवी परित्यक्ता थी। उसका पहले पति से एक बच्चा था। आरोपी ने पल्लवी को चूड़ी पहनाने की समाजिक प्रथा के तहत पत्नी का दर्जा देकर घर में रखा था। आरोपी पत्नी से संबंध बनाने में व्यवधान उत्पन्न करने पर बच्चे से चिढ़ता था। पल्लवी अपनी संतान को अलग नहीं रखने की बात पर अड़ी रहती थी।
पल्लवी परित्यक्ता थी। उसका पहले पति से एक बच्चा था। आरोपी ने पल्लवी को चूड़ी पहनाने की समाजिक प्रथा के तहत पत्नी का दर्जा देकर घर में रखा था। आरोपी पत्नी से संबंध बनाने में व्यवधान उत्पन्न करने पर बच्चे से चिढ़ता था। पल्लवी अपनी संतान को अलग नहीं रखने की बात पर अड़ी रहती थी।
इसी बात को लेकर दोनो के बीच विवाद होता था। अतिरिक्त लोक अभियोजक फरिहा अमीन ने बताया कि इस प्रकरण में बहुत सारे ऐसे तथ्य हंै जिससे साबित होता है कि अरविन्द ने मासूम आयुष की हत्या की है। न्यायालय ने प्रत्यक्षदर्शी नहीं होने और गवाहों के पक्षद्रोह होने का आरोपी को लाभ दिया है। आरोपी को हत्या की धारा के तहत सजा दिलाने के लिए फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।
इस कहानी को साबित नहीं कर पाई पुलिस
पुलिस का कहना था कि घटना से पहले आरोपी ने पत्नी से विवाद किया था। विवाद के कारण पल्लवी अपने सास के कमरे में चली गई थी। अरविन्द उर्फ अर्जुन ने पहले पल्लवी को अपने कमरे में बुलाया। नहीं आने पर उसने गोद से मासूम को छिन कर अपने कमरे में लाया और बच्चे को जमीन पर पटक दिया।
पुलिस का कहना था कि घटना से पहले आरोपी ने पत्नी से विवाद किया था। विवाद के कारण पल्लवी अपने सास के कमरे में चली गई थी। अरविन्द उर्फ अर्जुन ने पहले पल्लवी को अपने कमरे में बुलाया। नहीं आने पर उसने गोद से मासूम को छिन कर अपने कमरे में लाया और बच्चे को जमीन पर पटक दिया।
सिर पर गंभीर चोट आने के कारण मासूम की मौत हो गई। घटना के बाद आरोपी के छोटे भाई ने यह कहते बड़े भाई के गाल में थप्पड़ मारा था कि यह क्या कर दिया। इसके बाद आरोपी अपने घर से भाग गया था।