इसके पहले न्यायालय ने विचाराधीन सिविल प्रकरण की सुनवाई में जानकारी के साथ उपस्थित होने के लिए तहसीलदार को चार बार तलब किया था। न्यायालय के प्रत्येक नोटिस को तहसीलदार ने नजरअंदाज किया। इसे न्यायालय ने गंभीरता से लिया। न्यायालय ने तहसीलदार को जानकारी के साथ उपस्थित होने के लिए ३० नवंबर २०१८, १४ दिसंबर २०१८ और १० जनवरी २०१९ को नोटिस जारी किया था।
नीता जसवानी ने न्यायालय में एक परिवाद प्रस्तुत किया है। परिवाद के मुताबिक नीता जसवानी की कुरुद में २४०० वर्गफीट आवासीय जमीन है। जिसमें मकान बनाने पत्थर का नींव डाला गया है। इसी जमीन पर मेसर्स उत्कल हाइड्रो कार्बन व राकेश पौटवाल ने अपना अधिकार जमाना शुरू कर दिया। परिवादी महिला का कहना है कि उसने जमीन को प्रियदर्शनीय गृह निर्माण समिति से खरीदा है। यह समिति भंग हो चुकी है।
जमीन का दस्तावेज उसके पास है। इस प्रकरण की सुनवाई में न्यायालय ने तहसीलदार से सीता जायसवाल की भूमि खसरा नंबर १५५०-३०, नीता जसवानी की भूमि खसरा नंबर १५५०-४८ और सावित्री देवी की जमीन खसरा नंबर १५५०-२५ के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी है।