आवेदक के अधिवक्ता मोतीराम कोशले ने बताया कि आवेदक सुरेन्द्र कोरी की पत्नी दीपा की आपत्ति के बाद उन्होंने देहली हाईकोर्ट केरानी सेटी विरुद्ध सुनील सेठी के मामले का हवाला दिया। जिसमें बताया गया है कि हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 24 व 25 के तहत पति भी गुजारा भत्ता मांग सकता है। इसी तर्क पर तृतीय अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश निरंजन लाल चौहान ने सहमत होते हुए पति की ओर से प्रस्तुत भरण-पोषण का आवेदन चलने योग्य माना।
आवेदक के अपने आवेदन में पत्नी से प्रतिमाह 20 हजार रुपए भत्ते देने की मांग की है। आवेदक की पत्नी दीपा कोरी रायपुर स्थित औद्योगिक न्यायालय में स्टेनोग्राफर के पद पर कार्यरत है और आवेदक बेरोजगार है।