आरोपी जमीन कारोबारी के खिलाफ रिसाली निवासी महेश चंद्राकर ने चेक बाउंस की धारा के तहत न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया था। महेश ने जानकारी दी कि हरीश के साथ उसकी पुरानी जान पहचान है। दोनों जमीन व्यावसाय साझेदारी में करते थे। कारोबार में लाभ होने पर हरीश ने 30 लाख उधार स्वरुप लिया था। इस राशि को एक माह के भीतर लौटाने का आश्वासन दिया था। कुछ दिनों बाद हरीश चंद्राकर ने आईसीआईसी बैंक का चेक दिया जिसे जमा करने पर बैंक ने रद्द कर दिया।
परिवादी ने बताया कि जमीन कारोबार से कुल ९ लाख रुपए का लाभ हुआ था। साथ ही आरोपी ने हिस्से की भूमि के एवज में २१ लाख रुपए दिया था। इसी राशि को आरोपी ने उधार के रुप मे लिया था।
जानकारी के मुताबिक जिला न्यायालय में अराोपी के खिलाफ चेक बाउंस के तीन प्रकरण विचाराधीन है। प्रकरण की सुनवाई अभी शुरू नहीं हुआ है। तीनो प्रकरणों में जल्द ही प्रकरण सुनवाई होगी।
परिवादी के अधिवक्ता अनुराग ठाकुर ने बताया कि चेक बाउंस होने का मुख्य कारण खाते में पर्याप्त राशि न होना था। बाउंस होने पर हमने नोटिस दिया था। नोटिस का जवाब नहीं देने पर प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। सुनवाई के दौरान प्रस्तुत साक्ष्य को न्यायालय ने सही ठहराया और हमारे पक्ष में फैसला सुनाया।