न्यायाधीश रामजीवन देवांगन ने कड़ी टिप्पणी करते हुए चेताया है कि 17 अगस्त की सुनवाई में गवाह हाजिर नहीं हुए तो गवाह साक्ष्य की प्रक्रिया समाप्त कर दी जाएगी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने यह आपत्ति की थी कि बीएसपी के गवाह समय पर न्यायालय में हाजिर नहीं होते। जिसके कारण न्यायालय को बार-बार पेशी बढ़ानी पड़ती है।
न्यायालय ने इस आपत्ति को स्वीकार कर बीएसपी प्रबंधन पर जुर्माना लगाया। सोमवार को हुई सनुवाई में बीएसपी के सिर्फ एक गवाह बीएसपी के सहायक प्रबंधक सप्तशंकर फरिदा का बयान न्यायालय में दर्ज किया। उनका प्रतिपरीक्षण भी हुआ। बचाव पक्ष के अधिवक्ता के सवाल पर फरिदा ने सभी सवालों का जवाब नहीं में दिया।
आरपी शर्मा ने 2012 में बयान जारी कर आरोप लगाया था कि स्क्रैप खरीदने वाली कंपनी से साठगांठ कर अधिकारी मुनाफा कमा रहे हैं। जिस स्क्रैप की कीमत 28 हजार रुपए टन है उसे 24,850 रुपए के दर पर बेचा जा रहा है। बीएसपी को 37 करोड़ 80 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। शर्मा के बयान को आधार बनाकर बीएसपी ने १ करोड़ का मानहानि का दावा किया है।