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चोट दाएं पैर में और दिव्यांग प्रमाण पत्र बाएं का, कोर्ट में सुनवाई के बाद खुला मामला, होगी जांच

locationदुर्गPublished: Aug 21, 2018 11:19:39 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर राजनादगांव कलेक्टर व स्वास्थ्य विभाग प्रमुख को नियमानुसार कार्रवाई करने के लिए कहा है।

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चोट दाएं पैर में और दिव्यांग प्रमाण पत्र बाएं का, कोर्ट में सुनवाई के बाद खुला मामला, होगी जांच

दुर्ग. मोटर दुर्घटना क ा क्लेम लेने न्यायालय में प्रस्तुत राजनांदगांव जिला मेडिकल बोर्ड के प्रमाण पत्र को न्यायालय ने संदिग्ध पाया। न्यायाधीश विवेक तिवारी ने प्रमाण पत्र की जांच करने के आदेश दिए हैं। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर राजनादगांव कलेक्टर व स्वास्थ्य विभाग प्रमुख को नियमानुसार कार्रवाई करने के लिए कहा है।
45 प्रतिशत दिव्यांग होने का दावा
प्रकरण के मुताबिक मोटर दुर्घटना दावा अधिनियम के तहत क्लेम लेने दुर्ग निवासी सौरभ शिवारे ने वाद प्रस्तुत किया था। दुर्घटना से 45 प्रतिशत दिव्यांग होने का दावा करते हुए राजनादगांव जिला मेडिकल बोर्ड का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। सुनवाई के दौरान खुलासा हुआ कि सड़क दुर्घटना में सौरभ शिवारे के दाएं पैर में चोट आई है, लेकिन प्रमाण पत्र बाएं पैर का है।
प्रमाण पत्र संदिग्ध पाया
गवाह के रुप में आए राजनादगांव जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ.वायके तिवारी ने भी न्यायालय को बताया कि प्रमाण पत्र उसने ही जारी किया है। परीक्षण बाएं पैर का किया है। डॉक्टर का कहना था कि परीक्षण के दौरान उसने केस हिस्ट्री भी देखी और अपगंता का निर्धारण किया है। केस हिस्ट्री और प्रमाण पत्र अलग-अलग होने पर न्यायालय ने मेडिकल बोर्ड के प्रमाण पत्र को संदिग्ध पाया।
सुनवाई के दौरान न्यायालय के निर्देश पर पीडि़त का दोबारा परीक्षण कराया गया। दुर्ग जिला मेडिकल बोर्ड ने प्रमाण पत्र जारी किया। टीम के विशेषज्ञ डॉ.आरके नायक ने बताया कि सौरभ शिवारे को केवल बैठने में दिक्कत होगी। अन्य किसी तरह की तकलीफ नहीं है। दुर्ग जिला अस्पताल ने विकलांगता का आंकलन ५ प्रतिशत प्रमाणित किया।
1.34 लाख मिला क्लेम
न्यायाधीश विवेक कुमार तिवारी ने परिवाद पर फैसला सुनाने के लिए दुर्ग जिला अस्पताल के प्रमाण पत्र को आधार बनाया। न्यायाधीश ने 1.34 लाख क्लेम राशि ९ प्रतिशत ब्याज के साथ देने के आदेश दिए। यह राशि शासन को देना होगा। परिवादी युवक ने 45.21 लाख रुपए क्लेम मांगा था।
शा. अभिभाषक विजय कसार ने बताया कि इस मामले में हम अपील करेंगे। क्लेम राशि अधिक है। सुनवाई के दौरान सौरभ ने स्वीकार किया है कि गलती उसकी भी है। उसने बाइक की स्पीड को कम नही किया, इस वजह से उसे ठोकर लगी। गलती स्वीकार करने के कारण मुआवजा राशि का 50 प्रतिशत का ही हकदार है।
वेटरनरी कॉलेज के वाहन से लगी थी ठोकर
सौरभ शिवारे ने न्यायालय को जानकारी दी थी कि वह शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज का छात्र है। ११ नवंबर २०१५ को कॉलेज जाते समय एसएफ पेट्रोल पंप के पास वेटरनरी कॉलेज के वाहन ने उसे ठोकर मार दी। वाहन को कॉलेज का नियमित वाहन चालक सुरेश कुमार चला रहा था। दुर्घटना के बाद उसने दुर्ग जिला अस्पताल के अलावा, सेक्टर-९ और बाद में रामकृष्ण केयर अस्पताल रायपुर में इलाज कराया।

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