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यह है प्रदेश का पहला मुफ्त सरकारी अस्पताल, जहां उपचार और जांच सब कुछ नि:शुल्क

locationदुर्गPublished: Apr 21, 2019 11:04:02 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

जिला अस्पताल प्रदेश का पहला मुफ्त अस्पताल होगा। यहां पर हर इलाज और मेडिकल जांच बिल्कुल नि:शुल्क रहेगी।

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यह है प्रदेश का पहला मुफ्त सरकारी अस्पताल, जहां उपचार और जांच सब कुछ नि:शुल्क

दुर्ग. जिला अस्पताल प्रदेश का पहला मुफ्त अस्पताल होगा। यहां पर हर इलाज और मेडिकल जांच बिल्कुल नि:शुल्क रहेगी। अस्पताल का कैश काउंटर पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। राज्य सरकार इस नि:शुल्क अस्पताल की योजना को 15 अगस्त से शुरू करने की तैयारी में है। शासन ने यह पाइलट प्रोजेक्ट यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम के तहत तैयार किया है। इसकी शुरूआत दुर्ग जिला अस्पताल से होगी। इसके लिए यहां के डॉक्टरों को पहले चरण का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
एक महीने पीछे चल रहा प्रोजेक्ट का काम
लोकसभा चुनाव के कारण प्रोजेक्ट एक माह पीछे चले गया है। पहले इसे जुलाई से हर हाल में शुरू किया जाना था। मुफ्त इलाज के पीछे शासन की मंशा है कि किसी भी मरीज को अस्पताल आने पर ओपीडी से लेकर आईपीडी तक सारी सुविधाएं बिलकुल मुफ्त मिलें। स्वास्थ्य सेवा का सारा खर्च सरकार वहन करेगी। उल्लेखनीय है कि यह बीएपीएल और एपीएल परिवार दोनों के लिए होगा। जिला अस्पातल में कैश काउंटर की जगह केवल व्यवस्था बनाए रखने के लिए नि:शुल्क पंजीयन कक्ष (टोकन सिस्टम) होगा।
खर्च के लिए मिलेगा जीवनदीप को बजट
वर्तमान में जिला अस्पताल का मासिक खर्च 8 से 10 लाख है। यह खर्च जीवनदीप समिति के माध्यम से किया जाता है। सफाई व्यवस्था 2 लाख, संविदा व दैवेभो का वेतन 5 लाख और अन्य खर्च 3 लाख शामिल है। अलग-अलग मद में मरीजों से लिए जाने वाला शुल्क को समिति के खाते में जमा किया जाता है। शासन की तरफ से जीवनदीप समिति के लिए बजट स्वीकृत मुफ्त इलाज होने से शासन खर्च हर माह समिति को बजट स्वीकृत करेगा।
गाइड कर रही हैं पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव
इस योजना को शुरू करने 10 अस्पतालों की टीम दुर्ग जिला अस्पताल समेत सिविल व सामुदायिक अस्पतालों का अध्यन कर चुकी है। मार्च में दो दिनों तक केन्द्र सरकार की पूर्व स्वास्थ्य सचिव सुजाता राव टीम के साथ थीं। पूरा खाका उन्हीं के मानिटरिंग में तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा मुंबई के सुनील कुमार की भी मदद ली जा रही है। सुनील कुमार दिल्ली क ी मोहल्ला क्लीनिक के एडवाइजर भी है।
आयुष्मान भारत की जगह प्रदेश सरकार यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम लागू कर रही है। प्रदेश सरकार इसे इसलिए बेहतर बता रही है क्योंकि नई स्कीम में भर्ती होने वालों के साथ ही ओपीडी में दिखाने वाले मरीजों को भी मुफ्त ईलाज मिलेगी। सबसे बड़ी बात यह है कि इस स्कीम के तहत सामान्य मरीज का भी मुफ्त इलाज पा सकेगें। इसके लिए किसी तरह स्मार्ट कार्ड या फिर आयुष्मान योजना के तहत कार्ड की आवश्यक्ता नहीं होगी।
योजना के क्रियान्वयन में यह रहेगी चुनौतियां
ओपीडी में बढ़ेगा दबाव- वर्तमान में ओपीडी 800 और आईपीडी 300 प्रतिदिन औसत है। नई योजना से संख्या दो गुना हो जाएगी।
विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं- सबसे पहले चार नए एमडी और ट्रामा यूनिट, चिल्ड्रन एसएनसीयू के लिए न्यूरो विशेषज्ञ के अलावा सर्जन की आवश्यकता होगी।
दवा का आवंटन- दवाई का आवंटन पर्याप्त रखना होगा। विषम परिस्थिति में लोकल परचेस से दवा खरीदने वर्षभर बजट रखना आवश्यक है।
योजना सफल हुई तो कोरबा, महासमुंद में
सरकार इस योजना को दुर्ग में पहले शुरू करने का मन बनाया है। खामियों की समीक्षा की जाएगी। बाद में खामियों को दूर करने के बाद क्रमबद्ध तरीके से कोरबा और महासमुंद जिला अस्पताल के कैश काउंटर को समाप्त करेगी।
सीएससी, पीएचसी यथावत
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह सुविधा जिला मुख्यालय स्तर पर होगी। जिला के अन्य स्थानों में संचालित सामुदायिक और सिविल की व्यवस्था पूर्व की तरह संचालित रहेगी। इसमें किसी तरह का परिर्वतन नहीं किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि दुर्ग का चयन इंफ्रास्ट्रक्चर को देखकर किया गया है।
सिविल सर्जन दुर्ग जिला अस्पताल डॉ. केके जैन ने बताया कि सभी को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं देने की योजना को शुरू करने के लिए दुर्ग जिला अस्पताल का चयन किया गया है।पहले चरण का प्रशिक्षण हो चुका है। इस दौरान समीक्षा भी हुई है। हमने अस्पताल में कुछ कमियां बताई हैं, जिसे पहले दूर करने कहा है। ताकि योजना को शुरू किया जा सके।
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