इसमें 57 से 82 फीसदी तक फसल को नुकसान का अनुमान है। यह रिपोर्ट बुधवार को प्रभारी मंत्री राजेश मूणत के समक्ष रखा गया। तय पैमाने के मुताबिक 37 फीसदी से कम पैदावार को सूखा माना जाता है। जिला प्रशासन के सर्वे के मुताबिक इस पैमाने में 243 गांव आ रहे हैं। इनमें से 75 गांवों में शून्य से 25 फीसदी और 168 गांवों में 26 से 37 फीसदी पैदावार का अनुमान लगाया
गया है।
गया है।
कार्ययोजना तैयार करने कहा
समीक्षा बैठक में प्रभारी मंत्री राजेश मूणत ने अधिकारियों को किसानों को राहत पहुंचाने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार कराने के लिए कहा। जिन गांवों फिलहाल सूखे की हालत है, वहां मांग के अनुरूप काम खोले जाए। बैठक में मंत्री रमशीला साहू, संसदीय सचिव लाभचंद बाफना, जिला पंचायत अध्यक्ष माया बेलचंदन, महापौर चंद्रिका चंद्राकर भी मौजूद रहे।
समीक्षा बैठक में प्रभारी मंत्री राजेश मूणत ने अधिकारियों को किसानों को राहत पहुंचाने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार कराने के लिए कहा। जिन गांवों फिलहाल सूखे की हालत है, वहां मांग के अनुरूप काम खोले जाए। बैठक में मंत्री रमशीला साहू, संसदीय सचिव लाभचंद बाफना, जिला पंचायत अध्यक्ष माया बेलचंदन, महापौर चंद्रिका चंद्राकर भी मौजूद रहे।
प्रभारी मंत्री ने बैठक में सूखे की स्थिति में पशुचारा की व्यवस्था के लिए खाली जमीन के उपयोग की सलाह दी। अधिकारियों ने बताया कि जिले में साढ़े चार लाख पशुधन है। प्रति जानवर औसतन 20 किलोगा्रम चारे की जरूरत होती है। लगभग 40 लीटर पानी पीते हैं।
376 कामों की मंजूरी दी गई
प्रभारी मंत्री ने अफसरों को किसानों के खेतों में उपयोग के लिए तीन लाख तक की लागत के डबरी नि:शुल्क खोदने के निर्देश दिए। जिला पंचायत के सीईओ ने बताया कि अल्प वर्षा से ज्यादा प्रभावित 193 गांवों में एक हजार 376 कामों की मंजूरी दी गई। इनमें जल संरक्षण के 45 करोड़ के काम हैं।
प्रभारी मंत्री ने अफसरों को किसानों के खेतों में उपयोग के लिए तीन लाख तक की लागत के डबरी नि:शुल्क खोदने के निर्देश दिए। जिला पंचायत के सीईओ ने बताया कि अल्प वर्षा से ज्यादा प्रभावित 193 गांवों में एक हजार 376 कामों की मंजूरी दी गई। इनमें जल संरक्षण के 45 करोड़ के काम हैं।
धमधा में 82 फीसदी फसल खराब
सर्वे में धमधा ब्लॉक की स्थिति सबसे खराब पाई गई है। यहां 8 2 फीसदी से ज्यादा फसल खराब है। यहां के 173 गांवों में से 142 में 37 फीसदी से कम पैदावार होगी। शेष 31 गांवों में 30 से 50 फीसदी पैदावार की संभावना है। किसी भी गांव में पैदावार 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होगी।
सर्वे में धमधा ब्लॉक की स्थिति सबसे खराब पाई गई है। यहां 8 2 फीसदी से ज्यादा फसल खराब है। यहां के 173 गांवों में से 142 में 37 फीसदी से कम पैदावार होगी। शेष 31 गांवों में 30 से 50 फीसदी पैदावार की संभावना है। किसी भी गांव में पैदावार 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होगी।
30 फीसदी पैदावार की उम्मीद
यदि मानसून का रूख सुधरता है और दो से तीन दौर की अच्छी बारिश होती है तो अब भी जिले में 30 फीसदी तक पैदावार (अनावरी) हो सकती है। सर्वे में दुर्ग में 43, धमधा में 18 और पाटन में ३५.७३ फीसदी फसल आंकलन किया गया है।
यदि मानसून का रूख सुधरता है और दो से तीन दौर की अच्छी बारिश होती है तो अब भी जिले में 30 फीसदी तक पैदावार (अनावरी) हो सकती है। सर्वे में दुर्ग में 43, धमधा में 18 और पाटन में ३५.७३ फीसदी फसल आंकलन किया गया है।
फसल कटाई से वास्तविक स्थिति
जिले में धान की वास्तविक पैदावार का आंकलन अनावरी रिपोर्ट में सामने आएगा। यह रिपोर्टअक्टूबर में तैयार कराई जाती है। इसके लिए प्रत्येक पटवारी हलका अथवा गांव में जाकर फसल कटाई कर सैंपल लिया जाता है।
जिले में धान की वास्तविक पैदावार का आंकलन अनावरी रिपोर्ट में सामने आएगा। यह रिपोर्टअक्टूबर में तैयार कराई जाती है। इसके लिए प्रत्येक पटवारी हलका अथवा गांव में जाकर फसल कटाई कर सैंपल लिया जाता है।
इस तरह किया गया सर्वे
नजरी सर्वे के लिए 8 से 10 पटवारी हलके का जोन बनाया गया। ग्रामीणों की मौजूदगी में अनुमान के आधार पर आंकलन किया गया। फसल को देखकर पैदावार की संभावना वाले रकबे की पहचान की गई। इसी के आधार पर पैदावार की संभावना की गणना की गई।
नजरी सर्वे के लिए 8 से 10 पटवारी हलके का जोन बनाया गया। ग्रामीणों की मौजूदगी में अनुमान के आधार पर आंकलन किया गया। फसल को देखकर पैदावार की संभावना वाले रकबे की पहचान की गई। इसी के आधार पर पैदावार की संभावना की गणना की गई।