महिलाओं ने बताया कि उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। पांच हजार रुपए की दर स्वीकृत कर उन्हें काम पर रखा गया था, परंतु किसी भी माह में उन्हें पूरा वेतन प्राप्त नहीं हुआ है। बिना किसी नियम कायदे के अधिकारी अपने मनमाने तरीके से वेतन में कटौती करते हैं। किसी को दो हजार तो किसी को ढाई हजार ही मिलता है।
महिलाओं ने बताया कि रविवार के अवकाश का पैसा भी काट लिया जाता है। विरोध करने पर काम से भगाने की धमकी दी जाती है। जिस पर विधायक सैकड़ों महिलाओं के साथ नगर निगम पहुंचे एवं कमिश्नर तथा स्वस्थ्य अधिकारी से महिलाओं की मौजूदगी में चर्चा की । विधायक ने कहा कि किसी भी हाल में सफाई कर्मचारियों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। अवकाश के दिनों का वेतन काटना उचित नहीं है।
सफाई कर्मी घर-घर जा कर रिक्शा से कचरा इकठ्ठा करके शहर को साफ रखने में योगदान देते हैं। यहां सफाई कर्मचारी होने के अलावा ये सभी महिलाएं हैं माताएं एवं बहने हैं जिनके कार्य का सम्मान होना चाहिए। इन्हें कार्य के एवज में पर्याप्त वेतन तक नहीं मिल पाना न्यायोचित नहीं है।