माहौल गरमाता देख सीएसपी भोजराम पटेल और नायब तहसीलदार गजपति नायक और कमिश्नर ने मामले में बीच बचाव किया। एल्डरमेन को आश्वासन दिया कि वे सभी दस्तावेजों की जांच करेंगे। अवैध कब्जा पाए जाने पर 31 मार्च के बाद उचित कार्रवाई करेंगे।
बता दें कि एल्डरमेन ने 26 मार्च को 12 बजे कमिश्नर कक्ष के सामने अवैध कब्जे की पट्टिका चिपकाने का ऐलान २५ मार्च को ही कर दिया था। एल्डमेन ने कम से कम 3 महीने तक पट्टिका नहीं हटाने देने का ऐलान किया था।
एल्डरमेन उमरे ने बताया कि महाराजा चौक पर अवैध कब्जों की शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं किए जाने के विरोध में यह निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि 2 जनवरी को निगम कमिश्नर एसके सुंदरानी के पास महाराजा चौक पर एक दुकान के अवैध कब्जे की शिकायत की गई थी।
निगम के अधिकारी इस अवैध कब्जे को हटाने के बजाय कब्जाधारी को नोटिस जारी करने का हवाला देकर करीब 3 माह से टालमटोल कर रहे हैं। अफसरों का कहना है कि कब्जा बिना नोटिस और पर्याप्त समय दिए नहीं हटाया जा सकता। इसलिए इसी तर्ज पर कमिश्नर के कक्ष में अवैध कब्जे का निर्णय किया गया है।
एल्डरमेन ने बताया ऐलान किया था कि कमिश्नर कक्ष में कब्जे के प्रतीक के रूप में अवैध कब्जे की पट्टिका लगाई जाएगी। कम से कम 3 माह नोटिस जारी कर कब्जा बरकरार रहने देने की मांग की जाएगी। एल्डरमेन ने बताया कि भाजपा कसारीडीह कार्यालय में बैठक कर इस संबंध में निर्णय किया गया था।
बैठक में भाजपा के महामंत्री दीपक उमरे, युवा मोर्चा उपाध्यक्ष प्रांजल भारद्वाज, मंत्री शुभम जैन, चितरंजन अग्रवाल, रूपेन्द्र बागे, जयंत शर्मा, शशांक राव, चेतन साहू, भारत भूषण सिन्हा सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।