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ओपन लैंड पर अवैध निर्माण, हटाने के बजाए दुर्ग निगम ने दिखाया शिकायतकर्ताओं को न्यायालय का रास्ता

locationदुर्गPublished: Feb 09, 2021 12:02:22 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

दुर्ग नगर निगम में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अधिकारियों का अजब रवैया सामने आया है। मामला विकसित कालोनी के ओपन लैंड पर अवैध निर्माण से जुड़ा है।

ओपन लैंड पर अवैध निर्माण, हटाने के बजाए दुर्ग निगम ने दिखाया शिकायतकर्ताओं को न्यायालय का रास्ता

ओपन लैंड पर अवैध निर्माण, हटाने के बजाए दुर्ग निगम ने दिखाया शिकायतकर्ताओं को न्यायालय का रास्ता

दुर्ग. नगर निगम में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अधिकारियों का अजब रवैया सामने आया है। मामला विकसित कालोनी के ओपन लैंड पर अवैध निर्माण से जुड़ा है। स्थानीय लोगों की शिकायत पर निगम की जांच में ओपन लैंड पर अवैध खरीदी-बिक्री व निर्माण प्रमाणित भी हो चुका है, लेकिन अवैध निर्माण के खिलाफ बेदखली की कार्रवाई के बजाए निगम के अधिकारी शिकायतकर्ताओं को पुलिस अथवा न्यायालय में जाने की सलाह दे रहे हैं। इधर ओपन लैंड पर निर्माण लगातार जारी है।
मामला पटरीपार सिकोला स्थित प्रियंका नगर आवासीय कॉलोनी का है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग द्वारा सिकोला के खसरा नंबर 294-1 प्रियंका नगर आवासीय कॉलोनी के लिए ले आउट एप्रुव किया गया है। ले आउट के आधार पर करीब 100 लोगों ने प्लाट खरीदा है। इनमें से कई लोगों ने मकान भी बना लिया है, लेकिन अब प्रुव ले आउट के विपरीत कुछ लोगों द्वारा प्रियंका नगर से कादंबरी नगर को जोडऩे वाली 60 फीट की मुख्य सड़क और इससे लगे 0.80 एकड़ के ओपन स्पेस की अवैध तरीके से न सिर्फ खरीदी बिक्री कर ली गई बल्कि अब निर्माण किया जा रहा है।
कार्रवाई नहीं इधर बन गया डीपीसी
प्लाट होल्डर्स का कहना है कि एक बार एप्रुव ले-आउट में दोबारा बदलाव नहीं किया जा सकता। खासकर सड़क और ओपन स्पेस पर निर्माण नहीं किया जा सकता। इधर आधी सड़क और ओपन स्पेस पर नींव खोदकर डीपीसी तैयार कर लिया गया है। दूसरी ओर शिकायत के बाद भी निगम प्रशासन द्वारा जांच के नाम पर टालमटोल किया जाता रहा।
रजिस्ट्री व सीमांकन में 60 फीट सड़क
प्लाट होल्डर्स ने बताया कि कॉलोनी के सभी प्लाट होल्डर्स की रजिस्ट्री में उक्त सड़क को 60 फीट दर्शाया गया है। इसके अलावा समय-समय पर निर्माण के लिए प्लाट के सीमांकन भी कराए गए हैं। इसमें भी सड़क की चौड़ाई 60 फीट बताई गई है। इसके अलावा ओपन स्पेस का भी जिक्र है। इसके बाद भी 30 फीट सड़क और ओपन स्पेस को दबाकर प्लाटिंग किया जा रहा है।
अब न्यायालय का दिखाया दिया रास्ता
प्लाट होल्डर्स का कहना है कि चूंकि कॉलोनी निगम के आधिपत्य में है इसलिए अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई निगम की नैतिक जिम्मेदारी है। अवैध कब्जा हटाए जाने पर जमीन भी निगम के आधिपत्य में आएगी। इसके बाद भी निगम प्रशासन द्वारा कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर और अवैध बिक्री के मामले में न्यायालय जाने की सलाह दे रहे हैं।
कलेक्टर से शिकायत फिर भी कार्रवाई नहीं
प्लाट होल्डर डॉ.अखिलेश राय ने बताया कि मामले की शिकायत कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे से की गई है। इसके साथ ही उन्हें वस्तुस्थिति की जानकारी देकर निगम को यथोचित कार्रवाई के निर्देश देने की मांग की गई है। डॉ. राय ने बताया कि कलेक्टर ने निगम कमिश्नर को उक्त मामले में ठोस कार्रवाई के लिए निर्देश देने का भरोसा दिलाया है।
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