scriptअमानत में खयानत केस, IHSDP आवास में बड़ी गड़बड़ी, अब कार्रवाई में भी हो रहा है घालमेल | Durg nagar nigam IHSDP hosing skim | Patrika News

अमानत में खयानत केस, IHSDP आवास में बड़ी गड़बड़ी, अब कार्रवाई में भी हो रहा है घालमेल

locationदुर्गPublished: Feb 16, 2019 10:39:09 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

उरला के आइएचएसडीपी आवासों के प्रीमियम और किराए में गड़बड़ी के बाद अब मामले में दोषियों पर कार्रवाई में भी घालमेल का खुलासा हुआ है।

patrika

अमानत में खयानत केस, IHSDP आवास में बड़ी गड़बड़ी, अब कार्रवाई में भी हो रहा है घालमेल

दुर्ग. उरला के आइएचएसडीपी आवासों के प्रीमियम और किराए में गड़बड़ी के बाद अब मामले में दोषियों पर कार्रवाई में भी घालमेल का खुलासा हुआ है। मामले में राजस्व निरीक्षक संजय मिश्रा और सहायक ग्रेड तीन मंदाकिनी वर्मा के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का आदेश निगम कमिश्रर ने दिया है। इस पर निगम प्रशासन का कहना है कि सिटी कोतवाली थाने एफआइआर दर्ज करने के लिए दस्तावेजों के साथ आवेदन दिया गया है। उधर पुलिस किसी तरह के आवेदन से इनकार कर रही है।
कोई हिसाब नहीं
नगर निगम द्वारा उरला में वर्ष 2007-08 में 16 करोड़ की लागत से 1638 आइएचएसडीपी आवास बनाए गए हैं। कॉलोनी में 18 मकानों वाले 91 ब्लॉक बने हंैं। इनमें से वर्ष 2010 से 2014 के बीच 406 ,नवंबर 2014 से जनवरी 2015 तक 374 और नवंबर 2015 से जनवरी 2016 के बीच 500 आवास का आवंटन किया गया। इन आवासों के एवज में बकायदा हर माह किराया वसूल किया जा रहा था, लेकिन निगम में इनका कोई भी हिसाब नहीं है।
इसलिए सौंपा जाना है मामला पुलिस को
राजस्व निरीक्षक संजय मिश्रा और सहायक ग्रेड तीन मंदाकिनी वर्मा के पास आवासों के आवंटन और किराए का हिसाब-किताब रखने की जिम्मेदारी थी। निगम से गायब फाइलें भी इन्हीं के पास भी थी। जब इनकी जांच कराई गई केवल दो हितग्राही के प्रीमियम की राशि 38 हजार 637 रुपए का हिसाब मिला। शेष फाइलें गायब थी अथवा हिसाब आधे-अधूरे थे। आधे-अधूरे फाइलों में भी काट-छांट और ओवर राइटिंग पाया गया। इस पर दोनों कर्मियों को पहले ही निलंबित कर दिया गया है।
अमानत में खयानत का मामला बनता है
आइएचएसडीपी के 2 लाख कीमत के मकानों को 38 हजार में दिया है। इसके लिए 2 से 5 हजार रुपए प्रीमियम लेकर हितग्राहियों को कब्जा दिया। प्रीमियम के बाद शेष राशि 800 रुपए प्रति माह के हिसाब से वसूल करने का प्रावधान है। निगम के पास केवल 1280 हितग्राहियों के पहले किस्त का हिसाब है। जांच में यह आशंका सच हुआ तो अमानत में खयानत का मामला बनता है।
इधर 114 आवासों के नए सिरे से आवंटन की तैयारी
निगम प्रशासन द्वारा गायब फाइलों की जगह नए दस्तावेज तैयार करने आवासों का सर्वे कराया जा रहा है। इसमें 114 आवासों में आवंटियों की जगह बाहरी लोग पाए गए। इन आवासों का आवंटन निरस्त कर दिया गया है। इसके लिए पूर्व आवेदनों के आधार पर हितग्राहियों की सूची चस्पा की गई है। 23 अटल आवास के लिए भी सूची जारी की है। इस सूची पर 7 दिन के भीतर दावा आपत्तियां भी मंगाई है।
पत्रिका ने किया था मामले का खुलासा
गरीबों के आवासों के फाइलें गायब होने और प्रीमियम में गड़बड़ी का खुलासा पत्रिका ने सूचना का अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेज के आधार पर किया था। 14 जुलाई २०१८ को मामले का खुलासा करते हुए विस्तारपूर्वक समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद आवासों के प्रीमियम का काम देखरहे सहायक राजस्व निरीक्षक संजय मिश्रा व सहायक ग्रेड तीन मंदाकिनी वर्मा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
अब किसकी बात को माना जाए सच
नगर निगम दुर्ग आरओ आरके पांडेय ने बताया कि मामले में एफआइआर के लिए कोतवाली पुलिस को पत्र भेजा गया है। साथ ही मामले से संबंधित सभी दस्तावेज की फोटो कॉपी भी दी गई है। इसमें दोषी पाए गए दोनों कर्मचारियों के खिलाफ कूटरचना का प्रकरण दर्ज करने कहा गया है। सिटी कोतवाली दुर्ग टीआई सुरेश धु्रव ने बताया कि आवासों में गड़बड़ी से संबंधित कोई भी पत्र अथवा दस्तावेज नगर निगम से हमें अभी नहीं मिला है। मिलने पर मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो