ज्ञात हो कि इंदिरा मार्केट के आसपास टै्रफिक सिस्टम में सुधार के लिए स्टेशन रोड पर पुराना बस स्टैंड से कुआं चौक तक और मोती कॉम्पलेक्स रोड पर कब्जा कर कारोबार करने वाले करीब एक सैकड़ा व्यापारियों को बेदखल किया गया है। निगम प्रशासन ने इन व्यापारियों को पहले ही व्यवस्थापित करने का ऐलान कर रखा है। इसके लिए आवेदन भी मंगाए गए थे, लेकिन जगह व सुविधाओं से संबंधित गतिरोध के कारण व्यवस्थापन का मामला 4 माह से अधर में है।
बेदखली के खिलाफ सफदर अली व अन्य 8 और मोहम्मद जमाल खान व अन्य 48 ने हाइकोर्ट में याचिका लगाई थी। इस पर पूर्व में भी हाइकोर्ट ने निगम कमिश्नर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद ताजा आदेश में अब हाइकोर्ट ने वेंडर पॉलिसी के तहत पात्र दुकानदारों का व्यवस्थापन करने कहा है।
व्यापारियों की याचिका पर हाइकोर्ट में पूर्व में स्टे जारी किया था। इस दौरान उसी स्थल पर दोबारा व्यापार की कोशिश करने वालों को निगम ने फिर से हटा दिया था। इस पर व्यापारियों ने निगम के खिलाफ कंटेम्ट ऑफ कोर्ट की याचिका भी लगाई थी। इसे व्यवस्थापन के आदेश के साथ हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया।
नगर निगम ने उसी स्थलों से इसके पहले 2010 में भी बेदखली अभियान चलाया था। इस दौरान कई दुकानदारों को व्यवस्थापन नहीं मिल पाया था। हाइकोर्ट ने ऐसे पात्र व्यापारियों को भी व्यवस्थापन देने का आदेश जारी किया है। निगम प्रशासन ने 2010 के पात्र लोगों की सूची भी जारी कर दी है।
इस संबंध में बाजार विभाग प्रभारी आरएस आजमानी ने बताया कि बेदखल व्यापारियों के व्यवस्थापन के लिए हमारी पूरी तैयारी है। जगह चिन्हित कर मार्किंग भी कर लिया गया है। पहले व्यापारी तैयार थे, लेकिन बाद में व्यवस्थापन लेने नहीं आए। कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। सभी पात्रों का नियमानुसार व्यवस्थापन किया जाएगा।