अब निगम जाने की जरूरत नहीं, शिकायत के लिए मोबाइल एप है ना
स्मार्ट सिटी की ओर बढ़ रहे हमारे शहर की रैंकिंग अब ऑनलाइन होगी। इसके लिए नगर निगम को स्वच्छ भारत के मोबाइल एप से जोड़ा गया है।

दुर्ग. स्मार्ट सिटी की ओर बढ़ रहे हमारे शहर की रैंकिंग अब ऑनलाइन होगी। इसके लिए नगर निगम को स्वच्छ भारत के मोबाइल एप से जोड़ा गया है। इस एप पर स्वच्छता को लेकर शिकायतें ऑनलाइन की जा सकेंगी। निगम को इन शिकायतों का सटीक निराकरण करना होगा। शिकायतों के निराकरण के आधार पर केंद्र की रैंकिंग में नगर निगम को अंक मिलेंगे।
स्वच्छता एप शुरू
स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार ने स्वच्छता एप शुरू किया है। मोबाइल पर प्ले स्टोर से स्वच्छता एप को डाउनलोड कर अब कोई भी व्यक्ति गंदगी व अन्य समस्याओं को लेकर शिकायतें कर सकेंगे। समस्या का फोटो इस एप पर अपलोड करते ही वह सीधे नगर निगम के स्वच्छता निरीक्षक व सफाई सुपरवाइजर के पास पहुंच जाएगा।
समस्या का सटीक निराकरण
समस्या दिखाने वाली तस्वीर किस अक्षांश और देशांतर पर है, यह भी रिकार्ड हो जाएगा। सफाई सुपरवाइजर समस्या के निराकरण के बाद वहां की फोटो अपलोड करेगा। फोटो उस स्थान का नहीं होगा तो एप में उसे स्वीकार नहीं करेगा। इस तरह समस्या का सटीक निराकरण होगा।
सफाई कर्मियों की होगी अटेंडेंस
स्वच्छता एप से जहां लोगों की शिकायतों का निराकरण होगा वहीं सफाई कर्मचारियों की अटेंडेंस भी होगी। सफाई सुपरवाइजर को निर्धारित जगह पर जाकर फोटो भेजेगा। इसी जगह वह सफाई कर्मचारियों का भी अटेंडेंस लेगा। यह अटेंडेंस ऑनलाइन दर्ज होगी। इससे कर्मचारियों की लेटलतीफी पर रोक लगेगी।
केंद्र के निगरानी में रहेगा एप
एप पर दर्ज शिकायतों और उनके निराकरण पर केंद्र की सीधी नजर रहेगी।इससे केंद्र को सफाई व शिकायतों के निराकरण को लेकर पब्लिक का फीडबैक मिलता रहेगा। स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश के 500 शहरों के बीच कंपीटिशन में इसी के आधार पर रेंकिंग की जाएगी।
रैंकिंग में सुधार के लिए संतुष्टि जरूरी
एप पर दर्ज शिकायतों के निराकरण पर शिकायतकर्ता की संतुष्टि बेहद जरूरी होगा। शिकायतकर्ता एप में फीडबैक दर्ज कर सके, इसके लिएरि-ओपन का विकल्प भी दिया गया है। शिकायतकर्ता एप में निराकरण के प्रमाण में दर्ज फोटो देख सकेगा।यदि व इस पर संतुष्टि जाहिर करता है, तभी समस्या निराकृत मानी जाएगी।
निगम पहले ही कर चुका है प्रयोग
हमारा निगम मोबाइल एप के माध्यम से सफाई व समस्याओं के निराकरण का प्रयोग पहले ही कर चुका है। करीब दो साल पहले इसी तर्ज पर स्मार्ट दुर्ग एप लांच किया गया था। मुख्यमंत्री ने यह एप लांच किया था, लेकिन यह कारगर साबित नहीं हुआ और रैंकिंग में शहर पिछड़ गया।
अब होगी निगम की असली परीक्षा
सीधे केंद्र की निगरानी में एप के माध्यम से स्वच्छता की रैंकिंग के कारण अब निगम प्रशासन की असली परीक्षा होगी। निगम के पास संसाधन और कर्मचारियों की संख्या सीमित है। इन संसाधनों के साथ पुराना प्रयोग ज्यादा कारगर नहीं रहा था। इस कारण रैंकिंग में शहर को जगह नहीं मिली। इस बार भी ऐसा हुआ तो निगम प्रशासन की जमकर किरकिरी होगी।
स्वच्छता एप शुरू
स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार ने स्वच्छता एप शुरू किया है। मोबाइल पर प्ले स्टोर से स्वच्छता एप को डाउनलोड कर अब कोई भी व्यक्ति गंदगी व अन्य समस्याओं को लेकर शिकायतें कर सकेंगे। समस्या का फोटो इस एप पर अपलोड करते ही वह सीधे नगर निगम के स्वच्छता निरीक्षक व सफाई सुपरवाइजर के पास पहुंच जाएगा।
समस्या का सटीक निराकरण
समस्या दिखाने वाली तस्वीर किस अक्षांश और देशांतर पर है, यह भी रिकार्ड हो जाएगा। सफाई सुपरवाइजर समस्या के निराकरण के बाद वहां की फोटो अपलोड करेगा। फोटो उस स्थान का नहीं होगा तो एप में उसे स्वीकार नहीं करेगा। इस तरह समस्या का सटीक निराकरण होगा।
सफाई कर्मियों की होगी अटेंडेंस
स्वच्छता एप से जहां लोगों की शिकायतों का निराकरण होगा वहीं सफाई कर्मचारियों की अटेंडेंस भी होगी। सफाई सुपरवाइजर को निर्धारित जगह पर जाकर फोटो भेजेगा। इसी जगह वह सफाई कर्मचारियों का भी अटेंडेंस लेगा। यह अटेंडेंस ऑनलाइन दर्ज होगी। इससे कर्मचारियों की लेटलतीफी पर रोक लगेगी।
केंद्र के निगरानी में रहेगा एप
एप पर दर्ज शिकायतों और उनके निराकरण पर केंद्र की सीधी नजर रहेगी।इससे केंद्र को सफाई व शिकायतों के निराकरण को लेकर पब्लिक का फीडबैक मिलता रहेगा। स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश के 500 शहरों के बीच कंपीटिशन में इसी के आधार पर रेंकिंग की जाएगी।
रैंकिंग में सुधार के लिए संतुष्टि जरूरी
एप पर दर्ज शिकायतों के निराकरण पर शिकायतकर्ता की संतुष्टि बेहद जरूरी होगा। शिकायतकर्ता एप में फीडबैक दर्ज कर सके, इसके लिएरि-ओपन का विकल्प भी दिया गया है। शिकायतकर्ता एप में निराकरण के प्रमाण में दर्ज फोटो देख सकेगा।यदि व इस पर संतुष्टि जाहिर करता है, तभी समस्या निराकृत मानी जाएगी।
निगम पहले ही कर चुका है प्रयोग
हमारा निगम मोबाइल एप के माध्यम से सफाई व समस्याओं के निराकरण का प्रयोग पहले ही कर चुका है। करीब दो साल पहले इसी तर्ज पर स्मार्ट दुर्ग एप लांच किया गया था। मुख्यमंत्री ने यह एप लांच किया था, लेकिन यह कारगर साबित नहीं हुआ और रैंकिंग में शहर पिछड़ गया।
अब होगी निगम की असली परीक्षा
सीधे केंद्र की निगरानी में एप के माध्यम से स्वच्छता की रैंकिंग के कारण अब निगम प्रशासन की असली परीक्षा होगी। निगम के पास संसाधन और कर्मचारियों की संख्या सीमित है। इन संसाधनों के साथ पुराना प्रयोग ज्यादा कारगर नहीं रहा था। इस कारण रैंकिंग में शहर को जगह नहीं मिली। इस बार भी ऐसा हुआ तो निगम प्रशासन की जमकर किरकिरी होगी।
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