पुलिस को 8 नवंबर को सुबह आकाश साहू (22 वर्ष) का शव मिला था। शव को कुत्तों ने नोच डाला था। शव की पहचान करना मुश्किल था। पुलिस ने मृतक के शरीर पर बने टैटू और कपड़े से उसकी पहचान की। इसके बाद करीब 35 लोगों से पूछताछ कर आरोपियों तक पहुंचने में सफल हुई।
एसएसपी बीएन मीणा ने बताया कि यह एक अंधा कत्ल था। इसमें मृतक की पहचान से लेकर हत्या करने वालों तक पहुंचना काफी मुश्किल था। जांच के लिए पुलिस की अलग-अलग 6 टीमें गठित की गईं। पुलिस ने घटना स्थल और आसपास के जितने भी रास्ते हैं, वहां के सीसीटीवी कैमरों के फु टेज को खंगाला। सायबर एनालिसिस किया। उरला क्षेत्र के 35 संदेहियों से अलग-अलग पूछताछ की गई। क्रास इनक्वायरी में एक संदेही पुलिस के रडार में आ गया। पुलिस कडिय़ों को जोड़ते हुए आरोपियों तक पहुंच गई।
दुर्ग सीएसपी जितेन्द्र यादव ने बताया कि आकाश साहू 5 नवंबर को दोपहर करीब 3 बजे अर्जुन ढाबा के पास पेट्रोल पंप पर गाड़ी में पेट्रोल डलवाने गया था। उसी समय आरोपी सुजीत मौर्या भी पहुंच गया। आकाश ने शरारत करते हुए सुजीत पर पेट्रोल छिड़क दिया। इस पर सुजीत ने अपने भाई सुधीर मौर्या को बुला लिया। इधर आकाश के भाई यशवंत व उसका दोस्त अमन साहू भी पहुंच गए। इस बीच सुधीर झगड़े को सुलझाने लगा तो आकाश ने दो थप्पड़ सुधीर को भी जड़ दिया। आकाश के भाई ने बीच बचाव कर झगड़ा को शांत कराया। सभी अपने अपने घर चले गए।
शाम को करीब 7 बजे सुजीत अपनी स्कूटर से जा रहा था। गली में आकाश से सामना हो गया। आकाश ने उसे कहा कि बिहारी शराब पिला दे। सुजीत ने उसे मना कर दिया। आकाश ने उसे अश्लील गालियां दी। इस पर सुजीत ने कहा कि अच्छा रुको घर से पैसे लेकर आ रहा हूं। सुजीत घर गया और सुधीर से 150 रुपए लिया। इसके बाद अपने दोस्त शुभम उर्फ मोनू शाह को स्कूटर में साथ लेकर पहुंचा। आकाश को अपनी गाड़ी में बैठाकर ट्रांसपोर्ट नगर देशी शराब भ_ी के पास ले गए। जहां सुजीत में अपने भाई सुधीर को फोनकर बुलाया। सुधीर अपने दोस्त दीपक विश्वकर्मा और मोनू के भाई राजकुर शाह को बुलाया और दो बाइक से शराब भ_ी के पास पहुंच गए।
सुजीत ने शराब खरीदा और मोनू के साथ आकाश को लेकर चखना दुकान के पास खेत में चला गया। वहां आकाश शराब पीने लगा तभी सुजीत यूरिन के बाहने आकाश के पीछे गया और जेब से चाकू निकाल कर उसका गला रेत दिया। आकाश जमीन पर गिर गया। चाकू से हत्या करने की बात सुजीत ने किसी को नहीं बताया था। मोनू ने आवाज लगाया तो दूर खड़े सुधीर और दीपक पहुंचे। सभी आकाश को लात घुसा से मारने लगे। राजकुमार ने भी लात चलाया। आकाश की मौत हो गई थी। उसे छोड़कर सभी वहां से भाग गए।
पुलिस ने बताया कि अपनी गाडिय़ों से आरोपी बेलौदी पहुंचे। दीपक आरोपियों के घर गया और सुजीत, सुधीर, मोनू और राजकुमार का कपड़ा लेकर आया। सभी ने कपड़े बदले। वारदात में इस्तेमाल कपड़े को जला दिया। इसके बाद चाकू को पत्थर के बीच में फेंककर लौट आए।
मृतक आकाश के साथ सभी आरोपी तीन गाडिय़ों से ट्रांसपोर्ट नगर देशी शराब भ_ी के लिए निकले। बाइपास टोलप्लाजा में लगे सीसीटीवी कैमरे में उनकी तस्वीर कैद हो गई। पुलिस के लिए सीसीटीवी कैमरा चश्मदीद साबित हुए।
इनकी भूमिका सराहनीय
क्राइम डीएसपी नसर सिद्धकी, टीआई जितेन्द्र वर्मा, साइबर सेल टीआई गौरव तिवारी, एसआई किरन्द्र साहू, आरक्षक क्रांति शर्मा, मनीष अग्रनिहोत्री, सनत भारती, अमर सिंह, सिविल टीम प्रधान आरक्षक राजेन्द्र वानखेड़े, आरक्षक जावेद खान, तिलेश्वर राठौर, प्रदीप ठाकुर, जगजीत सिंह जग्गा, चित्रसेन, धीरेन्द्र यादव, केशव साहू, मोहम्मद फारूख और विक्रांत यदु की सराहनीय भूमिका रही।