विवि में बीएड का पाठ्यक्रम वार्षिक आधार पर ही तैयार है, जिसे सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। बीएड की परीक्षा के दौरान कुछ सेमेस्टर में सिर्फ दो ही पेपर कराए जाते हैं, जिसके लिए विद्यार्थियों को पूरी फीस चुकानी होती है। वैसा ही दो सेमेस्टर होने से उन्हें फीस का अतिरिक्त बोझ भी पड़ता है।
विवि प्रशासन का कहना है कि इसके लिए राष्ट्रीय शैक्षिक व अनुसंधान परिषद(एनसीटीई) और राज्य में एससीइआरटी से प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। विवि जल्द ही दोनों विभागों को पत्र लिखकर उनका सुझाव पूछेगा। इसके बाद ही नए सत्र से वार्षिक या सेमेस्टर सिस्टम पर निर्णय हो पाएगा।
साल 2015-16 के पहले प्रदेश में बीएड वार्षिक पाठ्यक्रम के हिसाब से संचालित होता था, लेकिन बाद में आए नियम में इसकी परीक्षा के लिए विकल्प दे दिए गए। तब रविवि की ओर से इसके लिए सेमेस्टर का विकल्प चुना गया, हेमचंद विवि की स्थापना हुई और यहां भी वही पुराना नियम अडॉप्ट कर लिया गया। इसके इतर, बिलासपुर विवि और सरगुजा विवि ने व्यवस्था को नहीं बदलते हुए बीएड को वार्षिक के रूप में संचालित करने का फैसला लिया, जो वहां आज भी वैसा ही चल रहा है।