हमारे शहर के एलसी कश्यप ऐसे शख्स है जिनके पास पचास से 60 साल पुरानी घडिय़ों का खजाना है। जलकंठेश्वर मंदिर में राष्ट्रीय घड़ी दिवस (National Watch Day) पर पुरानी घडिय़ों (Rare Watches ) की अनोखी प्रदर्शनी लगाई गई है।
National Watch Day: इस व्यक्ति के खजाने में बरसों पुरानी ऐसी दुर्लभ घडिय़ां जो बयां कर रही देश की आजादी की दास्तां
भिलाई. जर्मनी, फ्रांस, जापान की टाइम पीस अलार्म घड़ी से लेकर ट्रेवलर पॉकेट वॉच, रिस्ट वॉच और न जानें कितने तरह की घडिय़ां जो कभी लोगों के लिए स्टेटस सिंबाल हुआ करती थी, पर अब वक्त के साथ पीछे छूट गईं।
मोबाइल के जमाने में ना तो घरों में अलार्म घड़ी बची और ना ही कलाइयों पर ब्रांडेड घड़ी नजर आती हैं। पर हमारे शहर के एलसी कश्यप ऐसे शख्स है जिनके पास पचास से 60 साल पुरानी घडिय़ों का खजाना है। बुधवार को जलकंठेश्वर मंदिर में राष्ट्रीय घड़ी दिवस (National watch Day) पर पुरानी घडिय़ों की अनोखी प्रदर्शनी लगाई गई है।
50 से ज्यादा कलेक्शन एलसी कश्यप अपने अनोखे संग्रहण के लिए पहले ही पहचान बना चुके हैं। कलम, दवात, सरोते, चूना डिब्बी, पेटिंग सहित कई चीजों का संग्रह करते-करते उन्होंने घडिय़ों का भी संग्रह करना शुरू किया। उनके खजाने में अब आजादी के पहले चलन में आने वाली घडिय़ा (National Watch Day) भी शामिल हैं।
चाबी भरने वाली घडिय़ां आज भी चल रही खासकर देश-विदेश की कंपनियों की घडिय़ों को उन्होंने अपने परिचितों और कई अलग-अलग जगहों से इक_ा किया। वे बताते हैं कि दो दशक पहले तक हर किसी की कलाई में घड़ी दिखती थी। घरों में सुबह उठने अलार्म घड़ी बेडरूम में रखी जाती थी ताकि उसकी आवाज पूरे घर में गूंजे। चाबी भरने वाली घडिय़ों से लेकर ऑटोमेटिक घड़ी के दौर तक के उनके कलेक्शन में आज भी कई ऐसी वॉच है जो अब भी सही समय बताती हैं। (Durg news)
Read more: CG Ajab Gajab: दो सौ सालों से यहां डायन ने डाला है डेरा, जानकर बने अंजान तो अनिष्ट सुनिश्चित…जानिए क्यों बांधते हैं बाएं हाथ की कलाई में घड़ी घड़ी बांधते वक्त आपके मन में ये ख्याल जरूर आया होगा कि हमेशा बाएं हाथ की कलाई पर घड़ी को क्यों बांधा जाता है। पुराने जमाने में घडिय़ां हाथों में नहीं जेब में हुआ करती थीं। आपने भी पुराने जमाने की चेन वाली घडिय़ां देखी होंगी जिन्हें जेब में रखा जाता था। जेब से निकालकर समय देखा जाता था।
माना जाता है कि कुछ लोग इस चेन वाली घड़ी को हाथ में पहनने लगे और हाथ में घड़ी बांधने का चलन शुरू हुआ। बाएं हाथ में घड़ी बांधने की मुख्य वजह ज्यादातर लोगों का दाएं हाथ से अधिकतर काम करने वाला होना है।
जब आपका दायां हाथ काम में व्यस्त होता है तो बाएं हाथ में इसी दौरान समय देखना बेहद आसान होता है और काम भी दाएं हाथ से चलता रहता है। तभी तो आपने देखा होगा परीक्षा देते हुए छात्र दाएं हाथ से लिखते हैं और बाएं हाथ से बार-बार समय देखते रहते हैं।
बाएं हाथ में घड़ी बांधना इतना कॉमन है कि घडिय़ां भी इसी हिसाब से बनाई जाने लगीं। दाएं हाथ से अन्य काम करने के चलते आपकी घड़ी भी सुरक्षित रहती है। इसके गंदे होने, स्क्रेच लगने और काम की जगह जैसे टेबल पर टकराने की संभावना भी कम होती है। (Durg news)