दोबारा सर्वे की पुष्टि विभागीय सूत्रों ने भी की है, लेकिन अफसर इसे बीमारियों से बचाव के लिए किसानों को सलाह देने रूटीन जांच बता रहे हैं। बता दें कि मातरोडीह के किसान डुगेश निषाद ने तीन बार अपने खेत में कीटनाशक का छिड़काव किया था। जिसके बाद फसल खराब होने से व्यथित होकर पिछले शनिवार को खेत में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। मामले के खुलासे के बाद गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के निर्देश पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने वैज्ञानिकों के साथ किसान डुगेश के खेत के फसल की जांच की थी।
जांच के बाद प्रशासन ने करीब 25 फीसदी फसल खराब होने की बात स्वीकार किया था। वहीं भाजपा जांच दल के नेताओं का दावा है कि किसान के खेत की कम से कम 70 फीसदी फसल खराब हो गई है। उप संचालक कृषि विभाग दुर्ग एसएस राजपूत ने बताया कि विभाग के अधिकारी व वैज्ञानिक लगभग रोज गांव जा रहे हैं। उक्त गांव के अलावा आस-पास बीमारियों की आशंका को देखते हुए फसलों का परीक्षण किया जा रहा है। इसमें दोबारा सर्वे जैसी कोई बात नहंी है। वैज्ञानिक पहले ही जांच करके जा चुके हैं।