0 प्रावधान के अनुरूप कलेक्टर दर से दोगुने और इतने ही सोलेसियम यानि 4 गुना मुआवजा का प्रस्ताव तैयार करना था, लेकिन दुर्ग ब्लॉक के अफसरों ने केवल कलेक्टर दर और इतने ही सोलेसियम यानि 2 गुना दर पर मुआवजा का प्रस्ताव नेशनल हाइवे को भेज दिया। इस पर नेशनल हाइवे ने 100 करोड़ राशि भी जारी कर दिया है। इस गड़बड़ी से दुर्ग ब्लाक के 12 गांव के 635 किसानों को 100 करोड़ का नुकसान हो रहा है।
0 राजनांदगांव के किसानों की जमीन के अधिग्रहण में भी दुर्ग की तरह अनियमितता की शिकायत है। बताया जा रहा है कि यहां के किसानों की भी जमीन अधिग्रहित कर ली गई है। वहांं भी भू-अर्जन अधिकारी ने शासन के कलेक्टर दर से दोगुना दर और इतने ही सोलेसियम के आदेश को दरकिनार कर दुर्ग की तरह केवल 2 गुना का प्रस्ताव भेज दिया है, जिसे स्वीकार कर राशि जारी कर दी गई है।
दुर्ग व राजनांदगांव की तरह रायपुर जिले के आरंग ब्लाक के किसानों के मुआवजे की गणना में गड़बड़ी और अब तक भुगतान नहीं किए जाने की शिकायत है। दुर्ग की तरह यहां भी अब तक प्रशासन की ओर से किसानों के नाम अवार्ड प्रकाशन नहीं कराया गया है। इसे देखते हुए यहां के किसानों ने भी हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। इस पर 29 जुलाई की तिथि सुनवाई के लिए तय की गई है। प्रभावित किसान व एडवोकेट जेके वर्मा ने बताया कि भू-अर्जन अधिकारियों की लापरवाही और संवादहीनता के कारण यह स्थिति बनी है। किसानों को कोर्ट की शरण में जाने को मजबूर होना पड़ रहा है। हाईकोर्ट में किसानों की ओर से सामूहिक याचिका दायर की गई है। इसमें सभी संबंधितों को पक्षकार बनाया गया है। दुर्ग और राजनांदगांव के किसानों के मामलों की सुनवाई के लिए गुरुवार की तिथि तय की गई है।