केंद्र के कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उपज की खरीदी होने की कोई कानूनी गारंटी नहीं है, इसलिए पूरे देश के किसान केंद्र के कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे है। महामंत्री झबेंद्र भूषण वैष्णव ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य से पिछले साल की तुलना में 17 लाख टन चावल की खरीद कर रही है। इसका फायदा किसानों को मिलना चाहिए और प्रति एकड़ 20 क्विंटल की दर से धान की खरीदी 1 नवंबर से शुरू करना चाहिए। उन्होनें कहा कि किसान न्याय योजना में धान की खरीदी की अंतर की राशि सरकार किश्तों में दे रही है। कोरोना संकट में ऐसा करने के लिए सरकार की विवशता हो सकती है, मगर इस चालू कृषि वर्ष में न्याय योजना की प्रति एकड़ 10 हजार और दो साल के बकाया बोनस की राशि का एकमुश्त भुगतान जून माह तक किया जाना चाहिए।
किसानों को संबोधित करते हुए उत्तम चंंद्राकर ने कहा कि सरकार ने गेहूं, चना आदि उपजों की सरकारी खरीदी करने का चुनावी वायदा किया था, जो आज तक पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संंगठन के नेतृत्व में 5 नवंबर को जिला मुख्यालय के मिनिमाता चौक पर ***** जाम किया जाएगा। किसान चौपाल में घनश्याम चंद्राकर, सीताराम चंद्राकर, प्रहलाद चंद्राकर, जयराम चंद्राकर, हलधर साहू, कृष्णा धीवर, कमल सिंहा, दयाराम धीवर, मेहतर सिंहा, फेरहा धीवर, कुमार सिंहा, शंकर चंद्राकर, थनवार चंद्राकर, किशोर कुमार चंद्राकर, कोमलसिंह चंद्राकर, अजय चंद्राकर, प्रवीण चंद्राकर, राकेश कुमार, चैतराम यादव, कृष्णा साहू मौजूद थे।