खनिज विभाग द्वारा भिलाई के किसी अंचल चौबे को पोटिया के खसरा नंबर 1440 कुल रकबा 4.53 हेक्टेयर क्षेत्र में निर्मित पैठू तालाब पर एकत्रित करीब 1000 घन मीटर मुरुम के परिवहन की अनुमति दी गई है। खास बात यह है कि अलग से मुरुम का भंडारण नहीं होने के बाद भी खनिज विभाग के अफसरों ने परिवहन की अनुमति दी।
खनिज विभाग द्वारा अनुमति पत्र में जिस रकबे का जिक्र किया गया है वह तालाब का क्षेत्रफल है। तालाब के पानी वाले हिस्से में पहले से भंडारित मुरुम का सवाल ही नहीं है। ऐसे में अनुमति में तालाब पर एकत्रित मुरुम का जिक्र कर गोलमोल कर लिया गया है। इसी के आड़ में भंडारित मुरुम बताकर बंड को खोदा गया।
जुर्माने में भी कर लिया घालमेल
कारोबारी को 1000 घनमीटर मुरुम परिवहन की अनुमति दी गई थी। ग्रामीणों की मानें तो कारोबारी ने इसकी आड़ में करीब 1500 घन मीटर क्षेत्र में मुरुम की खुदाई की है, लेकिन विभाग ने केवल 110 घनमीटर खुदाई बताकर 5600 रुपए जुर्माना लगा दिया। जबकि 1500 घन मीटर पर 30 रुपए प्रतिघन मीटर के 10 गुना के हिसाब से कम से कम 4 लाख 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया जाना था।
पोटिया व सेवती में तालाब का बंड और आंवला वन के पेड़ों को उखाड़कर मुरुम खुदाई व परिवहन की शिकायत ग्रामीण राजूलाल देशमुख और गणेश राम यादव कलेक्टर से की थी। अब मामले में कार्रवाई तो की गई, लेकिन केवल मुरुम खुदाई बताकर जुर्माना लगा दिया गया। अफसरों ने पेड़ उखाड़े जाने पर चुप्पी साध ली। खनिज अधिकारी दीपक तिवारी ने बताया कि मौके पर जांच की गई। इसमें अवैध मुरुम खनन पाया गया। इस पर खननकर्ता पर जुर्माना लगाया गया है। रही पेड़ उखाड़े जाने की शिकायत तो इस पर हमें कार्रवाई का अधिकार नहीं है। यह वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है। अवैध खनन व परिवहन के खिलाफ लगातार जांच व कार्रवाई की जा रही है।