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गृह मंत्री के क्षेत्र में मुरुम परिवहन की आड़ में खोद दिया तालाब का बंड, लगाया 56 हजार जुर्माना

locationदुर्गPublished: Jul 02, 2020 06:11:49 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

दुर्ग जिले में अवैध मुरुम खनन व परिवहन का गोरखधंधा जमकर चल रहा है। हालात यह है कि गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के निर्वाचन क्षेत्र के गांवों को भी नहीं छोड़ा जा रहा।

गृह मंत्री के क्षेत्र में मुरुम परिवहन की आड़ में खोद दिया तालाब का बंड, लगाया 56 हजार जुर्माना

गृह मंत्री के क्षेत्र में मुरुम परिवहन की आड़ में खोद दिया तालाब का बंड, लगाया 56 हजार जुर्माना

दुर्ग. जिले में अवैध मुरुम खनन व परिवहन का गोरखधंधा जमकर चल रहा है। हालात यह है कि गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के निर्वाचन क्षेत्र के गांवों को भी नहीं छोड़ा जा रहा। ऐसा ही मामला नगपुरा से लगे पोटिया व सेवती में सामने आया है। यहां मुरुम के परिवहन की आड़ में मुरुम कारोबारी ने पैठू तालाब का बंड उखाड़ लिया। मामले में अब खनिज विभाग ने मुरुम कारोबारी पर 56 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। दूसरी ओर मुरुम खनन के लिए नर्सरी के पेड़ उखाडऩे के मामले पर अफ सरों ने चुप्पी साध ली। इससे एक बार फिर खनिज विभाग के अफसरों की मंशा पर सवाल खड़ा हो गया है।
बता दें कि पिछले दिनों यहां नगपुरा से लगे पोटिया व सेवती में सरकारी नर्सरी के आधा सैकड़ा से ज्यादा पेड़ों को उखाड़कर मुरुम खनन का खुलासा हुआ था। इस पर पत्रिका ने विस्तार से समाचार प्रकाशित किया। इस पर कार्रवाई के बजाए विभाग के अफसरों मुरुम परिवहन की अनुमति देकर मामले में पर्दा डालने का प्रयास किया, लेकिन इसका फायदा उठाकर मुरुम कारोबारी ने पोटिया के पैठू तालाब का बंड खोदकर मुरुम निकाल लिया। इस पर भी विस्तार से समाचार प्रकाशित किया। जिससे मामला आला अफसरों तक पहुंचा तब खनिज विभाग के अफसर जागे और जांच कर जुर्माना की कार्रवाई की।
ऐसे समझे अफसरों की मिलीभगत को
निज विभाग द्वारा भिलाई के किसी अंचल चौबे को पोटिया के खसरा नंबर 1440 कुल रकबा 4.53 हेक्टेयर क्षेत्र में निर्मित पैठू तालाब पर एकत्रित करीब 1000 घन मीटर मुरुम के परिवहन की अनुमति दी गई है। खास बात यह है कि अलग से मुरुम का भंडारण नहीं होने के बाद भी खनिज विभाग के अफसरों ने परिवहन की अनुमति दी।
जहां मुरुम बताया वह तालाब का रकबा
खनिज विभाग द्वारा अनुमति पत्र में जिस रकबे का जिक्र किया गया है वह तालाब का क्षेत्रफल है। तालाब के पानी वाले हिस्से में पहले से भंडारित मुरुम का सवाल ही नहीं है। ऐसे में अनुमति में तालाब पर एकत्रित मुरुम का जिक्र कर गोलमोल कर लिया गया है। इसी के आड़ में भंडारित मुरुम बताकर बंड को खोदा गया।
बड़ा सवाल – कार्रवाई या कारोबारी को बचाने की जुगत
जुर्माने में भी कर लिया घालमेल
कारोबारी को 1000 घनमीटर मुरुम परिवहन की अनुमति दी गई थी। ग्रामीणों की मानें तो कारोबारी ने इसकी आड़ में करीब 1500 घन मीटर क्षेत्र में मुरुम की खुदाई की है, लेकिन विभाग ने केवल 110 घनमीटर खुदाई बताकर 5600 रुपए जुर्माना लगा दिया। जबकि 1500 घन मीटर पर 30 रुपए प्रतिघन मीटर के 10 गुना के हिसाब से कम से कम 4 लाख 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया जाना था।
पेड़ों को उखाडऩे पर साधी चुप्पी
पोटिया व सेवती में तालाब का बंड और आंवला वन के पेड़ों को उखाड़कर मुरुम खुदाई व परिवहन की शिकायत ग्रामीण राजूलाल देशमुख और गणेश राम यादव कलेक्टर से की थी। अब मामले में कार्रवाई तो की गई, लेकिन केवल मुरुम खुदाई बताकर जुर्माना लगा दिया गया। अफसरों ने पेड़ उखाड़े जाने पर चुप्पी साध ली। खनिज अधिकारी दीपक तिवारी ने बताया कि मौके पर जांच की गई। इसमें अवैध मुरुम खनन पाया गया। इस पर खननकर्ता पर जुर्माना लगाया गया है। रही पेड़ उखाड़े जाने की शिकायत तो इस पर हमें कार्रवाई का अधिकार नहीं है। यह वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है। अवैध खनन व परिवहन के खिलाफ लगातार जांच व कार्रवाई की जा रही है।

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