पुराने पुल पर अब भी पानी
राजनांदगांव मार्ग का पुराना पुल गुरूवार को भी पूरे दिन जलमग्न रहा। पुल के ऊपर तीन से चार फीट पानी होने का अनुमान है। इससे पहले मंगलवार की देर रात पुल के ऊपर पानी चढऩा शुरू हुआ था। पानी की आवक घटने से एक दो दिन में पुल के ऊपर से पानी उतर जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
बिजली ने बढ़ाई परेशानी
शिवनाथ के तटीय करीब एक सैकड़ा ग्राम पंचायतों में सुरक्षा के मद्देनजर मंगलवार रात से ही बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई थी। इससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। बुधवार को भी कई गांवों में बिजली बंद रखी गई। अब बाढ़ उतरने के बाद ही गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल होने की संभावना है।
चंगोरी डांडेसरा, झेंझरी घिरा, निकुम, झोला पुल बंद
शिवनाथ में जल स्तर बढऩे के कारण चंगोरी गांव चारों ओर से पानी से घिर गया है। इसके अलावा झें्रझरी, खाड़ा, रूदा व डांडेसरा भी आवागमन के मार्ग पर पानी भर जाने से कट गया। वहीं विनायकपुर निकुम मार्ग, खरखरा में निकुम पुल व झोला का पुल में पानी के कारण आवाजाही रोक दिया गया था।
22 गांवों के दायरे में पहुंचा पानी
पिसेगांव, तिरगा, झोला, चंगोरी, भरदा, रूदा, महमरा, पुलगांव, कोनारी, आलबरस, खाड़ा, डांडेसरा, सुखरीकला, मुड़पार, देवटोला, सुखरी, तुमाकला, तुमाखुर्द, खिलोराखुर्द, कन्हारपुरी, घसरा, गाड़ाघाट।
यहां से छोड़ा जा रहा है पानी
मोंगरा – 12 हजार क्यूसेक
घूमरिया – 2 हजार क्यूसेक
सूखा नाला – 3 हजार 100 क्यूसेक
जलाशयों में जलभराव
तांदुला – 80.22 प्रतिशत
खरखा – 100 प्रतिशत
गोंजली – 63.20 प्रतिशत
मटियामोती – 100 प्रतिशत
खेतों-बाडिय़ों में भरा पानी, फसल को नुकसान
इधर बाढ़ का पानी तटीय गांवों के खेतों और सब्जियों की बाडिय़ों में भर गया। लगातार तीन दिन से जलभराव के कारण यहां के फसल के खराब हो जाने का खतरा निर्मित हो गया है। विशेषकर सब्जी बाडिय़ों में फसल के गल जाने की आशंका है। दुर्ग से धमधा तक अधिकतर बाडिय़ों में पानी भरे होने की खबर है।
पानी उतरने के साथ होगा सर्वे
एसडीएम मुकेश रावटे ने बताया कि बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने का काम शुरू किया जाएगा। फसल के संबंध में शासन का जैसा निर्देश आएगा प्रभावित गांव का सर्वे कराया जाएगा। नुकसान की स्थिति में शासन के निर्देश के मुताबिक कार्रवाई भी की जाएगी।
150 लोग निगम के शिविर में
इधर बुधवार को पुलगांव के शिवनाथ नदी के किनारे शिवनाथ पारा में भी पानी भर गया। यहां कई घरों में घुटने से भी ज्यादा पानी हो गया। इसकी सूचना के बाद निगम प्रशासन द्वारा यहां के 45 परिवारों को पास के निजी होटल में अस्थायी कैम्प बनाकर ठहराया गया। इन लोगों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था भी कराई गई।