दुर्ग

शिवनाथ में बाढ़ – चंगोरी, खाड़ा, रूदा, डांडेसरा, झेंझरी बने टापू, 3 जगहों से 8 को रेस्क्यू कर निकाला, 150 को ठहराया सुरक्षित जगह पर

अतिवृष्टि और जलाशयोंं के गेट खोले जाने के चलते शिवनाथ गुरूवार को भी उफान पर रहा। इस बीच राहत की खबर यह रही कि जिले के साथ कैचमेंट एरिया में पूरे दिन बारिश नहीं हुई। इससे ऊपरी क्षेत्र से पानी की आवक कम होना प्रारंभ हो गया। हालांकि इस बीच लगातार दूसरे दिन भी चंगोरी, डांडेसरा व झेंझरी गांव टापू बना रहा और कोनारी, भरदा, महमरा, निकुम, पीसेगांव, ननकट्ठी सहित दर्जनभर से ज्यादा गांवों के ईट भट्ठे व उनके श्रमिक बस्तियों में पानी भरा रहा।

दुर्गAug 11, 2022 / 08:55 pm

Hemant Kapoor

चंगोरी, खाड़ा, रूदा, डांडेसरा, झेंझरी बने टापू

जलभराव के कारण हरदी से 8, कोनारी-भरदा के ईंट भट्ठे से 3 व डांडेसरा के एक बाड़ी में फंसे 2 लोगों को रेस्क्यू कर बोट से बाहर निकालना पड़ा। वहीं शिवनाथ के किनारे स्थित पुलगांव के शिवनाथ पारा में भी पानी भर गया। इससे यहां के 45 परिवारों के करीब 150 लोगों को निकालकर पास के एक होटल में अस्थायी कैम्प बनाकर ठहराया गया। जल संसाधन के मुताबिक बुधवार को जहां ऊपरी क्षेत्र से शिवनाथ में 60 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा था, यह गुरूवार को शाम तक घटकर महज 17 हजार 100 क्यूसेक रह गया। इससे अब बाढ़ से अधिक खतरे की संभावना खत्म हो गई है। अफसरों की माने तो देर रात शिवनाथ का जलस्तर घटना प्रारंभ हो जाएगा।

पुराने पुल पर अब भी पानी
राजनांदगांव मार्ग का पुराना पुल गुरूवार को भी पूरे दिन जलमग्न रहा। पुल के ऊपर तीन से चार फीट पानी होने का अनुमान है। इससे पहले मंगलवार की देर रात पुल के ऊपर पानी चढऩा शुरू हुआ था। पानी की आवक घटने से एक दो दिन में पुल के ऊपर से पानी उतर जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

बिजली ने बढ़ाई परेशानी
शिवनाथ के तटीय करीब एक सैकड़ा ग्राम पंचायतों में सुरक्षा के मद्देनजर मंगलवार रात से ही बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई थी। इससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। बुधवार को भी कई गांवों में बिजली बंद रखी गई। अब बाढ़ उतरने के बाद ही गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल होने की संभावना है।

चंगोरी डांडेसरा, झेंझरी घिरा, निकुम, झोला पुल बंद
शिवनाथ में जल स्तर बढऩे के कारण चंगोरी गांव चारों ओर से पानी से घिर गया है। इसके अलावा झें्रझरी, खाड़ा, रूदा व डांडेसरा भी आवागमन के मार्ग पर पानी भर जाने से कट गया। वहीं विनायकपुर निकुम मार्ग, खरखरा में निकुम पुल व झोला का पुल में पानी के कारण आवाजाही रोक दिया गया था।

22 गांवों के दायरे में पहुंचा पानी
पिसेगांव, तिरगा, झोला, चंगोरी, भरदा, रूदा, महमरा, पुलगांव, कोनारी, आलबरस, खाड़ा, डांडेसरा, सुखरीकला, मुड़पार, देवटोला, सुखरी, तुमाकला, तुमाखुर्द, खिलोराखुर्द, कन्हारपुरी, घसरा, गाड़ाघाट।


यहां से छोड़ा जा रहा है पानी
मोंगरा – 12 हजार क्यूसेक
घूमरिया – 2 हजार क्यूसेक
सूखा नाला – 3 हजार 100 क्यूसेक

जलाशयों में जलभराव
तांदुला – 80.22 प्रतिशत
खरखा – 100 प्रतिशत
गोंजली – 63.20 प्रतिशत
मटियामोती – 100 प्रतिशत


खेतों-बाडिय़ों में भरा पानी, फसल को नुकसान
इधर बाढ़ का पानी तटीय गांवों के खेतों और सब्जियों की बाडिय़ों में भर गया। लगातार तीन दिन से जलभराव के कारण यहां के फसल के खराब हो जाने का खतरा निर्मित हो गया है। विशेषकर सब्जी बाडिय़ों में फसल के गल जाने की आशंका है। दुर्ग से धमधा तक अधिकतर बाडिय़ों में पानी भरे होने की खबर है।

पानी उतरने के साथ होगा सर्वे
एसडीएम मुकेश रावटे ने बताया कि बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने का काम शुरू किया जाएगा। फसल के संबंध में शासन का जैसा निर्देश आएगा प्रभावित गांव का सर्वे कराया जाएगा। नुकसान की स्थिति में शासन के निर्देश के मुताबिक कार्रवाई भी की जाएगी।

150 लोग निगम के शिविर में
इधर बुधवार को पुलगांव के शिवनाथ नदी के किनारे शिवनाथ पारा में भी पानी भर गया। यहां कई घरों में घुटने से भी ज्यादा पानी हो गया। इसकी सूचना के बाद निगम प्रशासन द्वारा यहां के 45 परिवारों को पास के निजी होटल में अस्थायी कैम्प बनाकर ठहराया गया। इन लोगों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था भी कराई गई।
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