दुर्ग जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक ग्रामीण आबादी के सर्वे के लिए राजस्व और पंचायत एवं ग्रामीण विकास की टीम गठित की गई है। जो कि केंद्रीय टीम की मदद कर रही है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए तहसीलदार, नायब तहसीलदार, आरआई, पटवारी और पंचायत की टीमें भी विशेष ड्यूटी के लिए लगाई गई है। योजना का उद्देश्य एक एकीकृत संपत्ति सत्यापन की व्यवस्था बनाना है। ड्रोन से सर्वे के बाद प्रारूप नक्शा तहसीलदार और पटवारियों को सौंपा जाएगा। वे प्रारूप से अपने रिकॉर्ड का मिलान करेंगे। हर एक मकान व भूमि का रिकॉर्ड मोबाइल ऐप पर अपलोड होगा।
ड्रोन सर्वेक्षण टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए, आबादी वाले क्षेत्रों का सीमांकन (आबादी क्षेत्र में आवासीय भूमि, आबादी के नजदीक की बसाहट और ग्रामीण क्षेत्रों में बाड़ी-बस्ती शामिल) किया जाएगा। संपत्ति के स्वामित्व का अधिकार देने के लिए हवाई सर्वेक्षण से उच्च गुणवत्ता (हाई रेजोल्यूशन) और सटीक माप वाले मानचित्र मिलेंगे। इन्हीं मानचित्रों या आंकड़ों के आधार पर, ग्रामीण परिवार के स्वामियों को संपत्ति कार्ड जारी किए जाएंगे।
0 आबादी सर्वेक्षण से ग्रामवासियों के लिए ग्रामीण संपत्तियों का अधिकार अभिलेख प्राप्त होगा।
0 प्रत्येक संपत्ति धारक को उसकी संपत्ति का स्वामित्व प्रमाण पत्र मिलेगा।
0 संपत्तियों पर बैक से ऋण लेना आसान होगा।
0 संपत्तियों के पारिवारिक विभाजन, संपत्ति हस्तांतरण की प्रक्रिया सुगम होगी।
0 पारिवारिक सम्पत्ति के विवाद कम होंगे।
0 इसी प्रकार ग्राम पंचायतों को संपत्ति शुल्क के रूप में पंचायत को स्थानीय आय के साधन प्राप्त होगा।
0 पंचायत स्तर पर ग्राम विकास की योजना बनाने में सुविधा होगी।
0 शासकीय एवं सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा एवं रख-रखाव आसान होगा।
0 संपत्ति संबंधित विवादों में कमी आएगी तथा संपत्ति के नामांतरण एवं बटवारा का प्रत्यक्ष अधिकार प्राप्त होगा।