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टीचर वेलफेयर के नाम पर करोड़ों कटौती, फायदा किसी को नहीं

locationदुर्गPublished: Jul 11, 2019 12:31:21 am

Submitted by:

Naresh Verma

हेमचंद यादव विश्वविद्यालय सहित प्रदेशभर के शासकीय विश्वविद्यालयों में टीचर वेलफेयर फंड की राशि का कोई हिसाब नहीं है। हेमचंद विवि उत्तरपुस्तिका की जांच सहित तमाम परीक्षा कार्यों का भुगतान करने से पहले ही वेलफेयर फंड के नाम से पारिश्रमिक का ३ फीसदी काटकर खुद रख लेता है।

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टीचर वेलफेयर के नाम पर करोड़ों कटौती, फायदा किसी को नहीं

भिलाई . हेमचंद यादव विश्वविद्यालय सहित प्रदेशभर के शासकीय विश्वविद्यालयों में टीचर वेलफेयर फंड की राशि का कोई हिसाब नहीं है। हेमचंद विवि उत्तरपुस्तिका की जांच सहित तमाम परीक्षा कार्यों का भुगतान करने से पहले ही वेलफेयर फंड के नाम से पारिश्रमिक का ३ फीसदी काटकर खुद रख लेता है। इस फंड से प्रोफेसरों के लिए उन्नयन के कार्य करने होते हैं। यदि प्रोफेसरों को रुपयों की आपात जरूरत पड़ जाए तो टीबीएफ फंड से राशि दी जा सकती है, लेकिन हेमचंद विवि ने स्थापना से अब तक किसी भी प्रोफेसर को इस फंड का लाभ नहीं दिया। विवि प्रशासन का कहना है कि आज तक की स्थिति में फंड से मदद के लिए एक भी आवेदन नहीं आया। ऐसी स्थिति इसलिए बनी, क्योंकि विवि ने कभी भी इसके लिए कॉलेजों को कोई सूचना जारी ही नहीं की। हेमचंद विवि चार साल से संचालित हो रहा है, इस तरह करोड़ रुपए की उत्तरपुस्तिका जांच व अन्य कार्य से काटे गए ३ फीसदी पारिश्रमिक की रकम लाखों में पहुंच गई है।
नए प्रोफेसरों को मालूम ही नहीं टीबीएफ
विवि के लिए उत्तरपुस्तिका जांच, पेपर सेटिंग सरीखे कार्य करने वाले वरिष्ठ प्रोफेसरों को तो टीबीएफ की जानकारी है, लेकिन पिछले कुछ साल पहले पीएससी से चयनित होकर आए सहायक प्राध्यापकों को फंड के बारे में पता नहीं है। यही वजह है कि फंड से फायदा लेने कोई सामने नहीं आया। विवि ने भी इस संबंध में कोई अधिसूचना जारी
नहीं की।
टीचर्स ट्रेनिंग ही करा लेते
पत्रिका ने जब इस संबंध में वरिष्ठ प्रोफेसरों से चर्चा की तो पता चला कि प्रदेश में हर विवि इस मद से रुपए लेता है, लेकिन इसका फायदा नहीं पहुंचाता। विवि यदि चाहे तो इस राशि से प्रति वर्ष टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम जैसे कार्य कर सकता है। राशि के सही उपयोग से शिक्षा गुणवत्ता में भी मदद मिलेगी। यह राशि १० हजार रुपए से लेकर लाखों रुपए तक मिल सकती है। राशि अधिक होने पर कम से कम ब्याज विवि लेता है, लेकिन जरूरतमंद की त्वरित मदद मिलती है। विवि ३ फीसदी राशि टीए बिलों को छोड़कर हर मद से काटता है।
विवि के रेम्युनरेशन बिल में है जिक्र
हेमचंद विवि का पारिश्रमिक देयक यानी रेम्युनरेशन बिल पत्रिका के पास मौजूद है, जिसमें सबसे नीचे कुल पारिश्रमिक का ३ फीसदी टीबीएफ फंड में जमा होने के बाद ही भुगतान किए जाने का जिक्र मिलता है। ऐसा ही बिलासपुर और रविवि के बिलों में भी उल्लेख है। विवि टीबीएफ की राशि काटने के लिए पूरी जानकारी दे रहे हैं, लेकिन उस फंड का फायदा देने आवेदन व योजना की जानकारी कभी जाहिर नहीं की।
टीबीएफ फंड से मदद पाने आवेदन नहीं मिला
इस संबंध में कुलसचिव हेमचंद यादव विवि डॉ. सीएल देवांगन का कहना है कि टीबीएफ फंड से मदद पाने अभी तक एक भी आवेदन नहीं मिला। इस वजह से यह राशि विवि के पास ही जमा है। आवेदन आएंगे तो हम भुगतान जरूर करेंगे।
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