इनसे पहले डॉ. राजेश पांडेय हेमचंद विवि के कुलसचिव थे, जिन्हें अब शासकीय महाविद्यालय, जामुल का प्राचार्य बनाया गया है। संभाग में इस साल से शुरू हुए 8 नए नवीन महाविद्यालयों में जामुल भी एक है। पदस्थापना का आदेश निकलते साथ ही नए कुलसचिव डॉ. देवांगन ने अपना कार्यभार संभाल लिया। वे शाम करीब ५ बजे विवि पहुंचे, और कर्मचारियों व अधिकारियों से मुलाकात की। डॉ. देवांगन करीब पौन घंटा विवि में रहे। इस दौरान डॉ. पांडेय ने उन्हें विवि की वर्तमान गतिविधियों से अवगत कराया। 18 मार्च से शुरू होने वाली मुख्य परीक्षा के केंद, वीक्षक, पेपर सेटर जैसे विषयों के बारे में जानकारी दी।
नए रजिस्ट्रार डॉ. देवांगन पूर्व में उच्च शिक्षा विभाग में लंबे समय तक संयुक्त संचालक रहे हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ कॉलेज में प्राचार्य रहे। इसी कॉलेज में उन्होंने बतौर परीक्षा नियंत्रक अपनी सेवाएं दी हैं। उन्हें परीक्षा कार्यों का अनुभवी माना जाता है। स्वच्छ छवि वाले डॉ. देवांगन गणित विषय के प्रोफेसर हैं।
कयास लगाए जा रहे थे कि विवि के कुलपति डॉ. शैलेंद्र सराफ के इस्तीफे को लेकर स्थिति साफ होने के बाद ही रजिस्ट्रार बदलेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इसके पहले ही शासन ने रजिस्ट्रार बदल दिया। नए रजिस्ट्रार शाम ५ बजे पदभार ग्रहण करने के लिए पहुंचे, जबकि उससे पहले ही कुलपति करीब ३ बजे विवि से निकल गए।
मानदेय – नए रजिस्ट्रार डॉ. देवांगन ने कहा कि अभी विवि के सामने परीक्षा सबसे बड़ी चुनौती है। वीक्षक से केंद्राध्यक्ष तक सभी के मानदेय को लेकर बड़ा निर्णय लिया जाएगा। इन्हें बढ़ोतरी का नियम लागू कराएंगे, ताकि परीक्षा कार्यों में किसी तरह की दिक्कत नहीं आए। परीक्षा कार्य में लगने वाले प्रोफेसर्स का भुगतान समय पर हो।
परीक्षाएं समय पर हो और रिजल्ट समय पर निकालें जा सके यही सबसे पहला काम होगा। कोशिश होगी कि परीक्षाएं एकेडमिक कैलेंडर के हिसाब से हो जाए। नई नियुक्तियां – विवि को शासन की ओर से नियमित पद दिए जा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की वजह से तमाम विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों पर रोक है। जैसे ही रोक हटेगी, हेमचंद विवि सरकार से अनुमति लेकर इसकी प्रक्रियाओं को पूरा कराएगा।