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होम आइसोलेशन में ऑक्सीजन लेवल 95 से नीचे जाए तो कंट्रोल रूम में करें फोन, लॉकडाउन में मिनटों में पहुंचेगी एंबुलेंस

locationदुर्गPublished: Sep 26, 2020 01:01:52 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

आपात स्थिति में जरूरत होने पर एंबुलेंस व्यवस्था बिल्कुल मुकम्मल हो। होम आइसोलेशन के प्रभारी अधिकारी डॉ. रविराज ठाकुर द्वारा जानकारी देते ही बिना एक पल गंवाए एंबुलेंस को गंतव्य स्थल पर रवाना किया जाए। (coronavirus lockdown in chhattisgarh)

होम आइसोलेशन में ऑक्सीजन लेवल 95 से नीचे जाए तो कंट्रोल रूम में करें फोन, लॉकडाउन में मिनटों में पहुंचेगा एंबुलेंस

होम आइसोलेशन में ऑक्सीजन लेवल 95 से नीचे जाए तो कंट्रोल रूम में करें फोन, लॉकडाउन में मिनटों में पहुंचेगा एंबुलेंस

दुर्ग. लॉकडाउन में कोविड मरीजों के ऑक्सीजन लेवल पर नजर रखनी है। उन्हें इस बात की ताकीद देनी है कि ऑक्सीमीटर में ऑक्सीजन का स्तर 95 से नीचे नहीं आना चाहिए। यदि यह स्थिति आती है तो हॉस्पिटल ले जाने कंट्रोल रूम में फोन करने के संबंध में जानकारी दी जाए। आपात स्थिति में जरूरत होने पर एंबुलेंस व्यवस्था बिल्कुल मुकम्मल हो। होम आइसोलेशन के प्रभारी अधिकारी डॉ. रविराज ठाकुर द्वारा जानकारी देते ही बिना एक पल गंवाए एंबुलेंस को गंतव्य स्थल पर रवाना किया जाए। यह निर्देश कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए हैं।
उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में निगम आयुक्त और ग्रामीण क्षेत्रों में एसडीएम इस मामले में सुनिश्चित करेंगे कि रिस्पांस टाइम बहुत अच्छा हो। कलेक्टर ने कहा कि कोविड संक्रमण की स्थिति में सही समय में आक्सीजन सपोर्ट मिल पाने पर मरीज को स्टेबल करने में काफी मदद मिल जाती है। पूरे अमले को इस बात का ध्यान रखना है कि कोई भी इमरजेंसी काल आने पर बिना समय गंवाये काम में जुट जाना है। उन्होंने होम आइसोलेशन कंट्रोल टीम की प्रशंसा की कि उनके पास आए इस तरह के फोन पर वे कोशिश कर रहे हैं कि न्यूनतम समय पर नागरिक तक एंबुलेंस पहुंच सके।
कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से इस संबंध में मॉनिटरिंग की जरूरत है। आक्सीमीटर को नियमित देखने व इसमें आक्सीजन लेवल के अनुसार चिकित्सकीय परामर्श की जरूरत के संबंध में ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने की जरूरत है। इस संबंध में स्वास्थ्य टीम की बड़ी भूमिका है। आपात स्थिति में मरीजों को कोविड हास्पिटल तक पहुंचाने के कार्य में एसडीएम भी समन्वय करेंगे। कलेक्टर ने मेडिसीन किट के बारे में भी पूछा। अधिकारियों ने बताया कि किट मौके पर ही दी जा रही है।
परामर्श के अनुसार दे मेडिकल किट
कलेक्टर ने बताया कि वे कल सुपेला गए थे और यहां उन्होंने देखा कि फॉर्मासिस्ट को-मार्बिड की जानकारी भी ले रहे हैं और उसके पश्चात चिकित्सकीय परामर्श अनुरूप मेडिकल किट मरीजों को उपलब्ध करा रहे हैं। को-मार्बिड की जानकारी लेने से चिकित्सकों को उचित दवा का निर्णय लेने में आसानी होती है और मरीजों की रिकवरी भी तेज होती है। कलेक्टर ने मेडिसीन के स्टाक सहित अन्य बातों की भी जानकारी ली।

होम आइसोलेशन में स्टीकर जरूरी
कलेक्टर ने कहा कि यह सुनिश्चित हो कि होम आइसोलेशन में रह रहे सभी लोगों के घरों के बाहर इस संबंध में स्टीकर चस्पा हो। आयुक्त और एसडीएम इस बात की जांच भी करें। कलेक्टर ने कहा कि वे स्वयं इस बात की जांच करेंगे। बैठक में भिलाई नगर निगम कमिश्नर ऋतुराज रघुवंशी,अपर कलेक्टर प्रकाश सर्वे, बीबी पंचभाई सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
1581 का होम आइसोलेशन पूरा
बैठक में बताया गया कि होम आइसोलेशन में रह रहे 1581 लोगों का आइसोलेशन पीरिएड पूरा हो चुका है। इन्हें अवधि समाप्त करने का सर्टिफिकेट वाटसऐप के माध्यम से भेजा जा रहा है। अभी 1352 मरीजों की होम आइसोलेशन की अवधि चल रही है। कंट्रोल रूम द्वारा इनके स्वास्थ्य की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।
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