scriptघर बनाना हुआ महंगा, डेढ़ माह में तीसरी बार बढ़ी ईंट की कीमत | Home made expensive, for the third time in one month and a half | Patrika News
दुर्ग

घर बनाना हुआ महंगा, डेढ़ माह में तीसरी बार बढ़ी ईंट की कीमत

ईंट की कीमत पर खनिज विभाग का नियंत्रण नहीं, डेढ़ माह में तीसरी बार बढ़ा दी गई कीमत, भट्ठा संचालक ले रहे मनमानी कीमत, एक ट्रक ईंट की कीमत 14200 रुपए

दुर्गApr 06, 2019 / 02:39 pm

Bhuwan Sahu

patrika

घर बनाना हुआ महंगा, डेढ़ माह में तीसरी बार बढ़ी ईंट की कीमत

भिलाई. ईंट के भट्ठे और कीमतों पर खनिज विभाग का नियंत्रण ही नहीं है। ईंट भट्ठा संचालक जब चाहे और जितना चाहे कीमत में वृद्धि कर रहे हैं। पिछले ४५ दिनों में १५-१५ दिन के अंतराल में ईंट की कीमत में तीन बार बढ़ोतरी कर चुके हैं, लेकिन जिला खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी हस्तक्षेप करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। विभाग की इस उदासीनता का फायदा ईंट भट्ठा का संचालन करने वाले लोग उठा रहे हैं। वे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों का भी पालन नहीं कर रहे हैं।
ऐसा पहली बार-गर्मी में दाम घटने के बजाय बढ़े

पिछले चार-पांच साल में ऐसा पहली बार हुआ कि गर्मी के सीजन में ईंट की कीमत में वृद्धि हुई हो। आमतौर पर ईंट के दाम गर्मी में कम हो जाते हैं। बारिश के सीजन से नवंबर- दिसंबर तक भट्ठा बंद रहता है। स्टॉक से सप्लाई से किए जाने की वजह से डेढ़ से दो हजार रुपए तक महंगा रहता है। जनवरी तक ईंट की कीमत अधिक होती है। फरवरी में ईंट का कारोबार जोर पकड़ लेता है। मार्च-अप्रेल में कीमत कम हो जाती है। दिसंबर-जनवरी की तुलना में ईंट की कीमत में एक से ड़ेढ़ हजार तक कमी आती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, मार्केट में ईंट की डिमांड बढ़ रही है। ईंट भट्ठा संचालक भी कीमत में वृद्धि करते जा रहे हैं।
बेमौसम बारिश का बहाना

रेवेलीडीह, ननकट्ठी, आलबरस के ईंट भट्ठा संचालकों का कहना है कि २० मार्च को ओला वृद्धि के साथ हुई बारिश से कच्ची ईंट खराब हो गई। इससे बड़ा नुकसान हुआ है। भट्ठे में ईंट भी नहीं है डिमांड अधिक है। इस वजह से लोग अपने ब्रांड के अनुसार ईंट की कीमत में वृद्धि कर रहे हैं। हकीकत यह भी कि पिछले २-३ साल में ईंट भट्ठे की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है। शिवनाथ और खारून नदी के किनारे ईंट भट्ठों की कतार लग गई है। गावों में ईंट भट्ठे खुल गए हैं।
कीमत में वृद्धि का असर जेब पर

ईंट और रेत की कीमतों में वृद्धि का असर लोगों की जेब पर पड़ रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने वालों का बजट ही गड़बड़ा गया है। फरवरी के बाद से सीमेंट, ईंट और रेत कीमत में काफी बढ़ोतरी हुई है। रेत की कीमत को लेकर तो मोलभाव तक होने लगा है। पहले एक डंपर रेत (६०० वर्ग फुट) ११ हजार रुपए में मिलती थी। अब १२५०० रुपए में मिल रही है। तो सरिया की कीमत में भी ३५०-४०० रुपए प्रति क्विंटल इजाफा हुआ है। सीमेंट के दाम में प्रति बैग 30 रुपए तक वृद्धि हुई है।
एेसे बढ़ा रहे हैं ईंट की कीमत-दिसंबर में ३ हजार नग ईंटों से भरा एक ट्रक की कीमत ट्रांसपोर्टिंग सहित १२७०० रुपए थी। १५ फरवरी तक एक हजार रुपए वृद्धि के साथ १३७०० रुपए हुई। मार्च के तीसरे सप्ताह में ५०० रुपए की फिर वृद्धि की गई है। एक ट्रक की कीमत १४,२०० हो गई है। १५ दिन बाद फिर से कीमत में वृद्धि करने की तैयारी चल रही है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो