इस प्रकरण में नेवई पुलिस ने अपराध दर्ज किया था। पुलिस ने दोनों बाइक चालक के खिलाफ काउंटर केस बनाया था। सिक्योरिटी गार्ड की शिकायत पर जानसन के खिलाफ और जनसन की शिकायत पर सिक्योरिटी गार्ड के खिलाफ लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने का मामला दर्ज किया था।
परिवादी ने न्यायालय को जानकारी दी थी कि दुर्घटना में उसे गंभीर चोटें आई थी। दिमाग में असर पडऩे के कारण बाद में वह मनोरोग का शिकार हो गया। रीढ़ की हड्डी में चोट आने के कारण वह दिव्यांग हो गया। परिवादी ने अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. अखिलेश यादव का पर्ची साक्ष्य के रुप में प्रस्तुत किया था।