तलाक के बिना दूसरी शादी
एक अन्य प्रकरण में अनावेदक ने दूसरी शादी कर लिया है। पिछले 2 वर्ष से आवेदिका व उनकी बच्ची को छोड़ रखा है और आवेदिका अनावेदक के खिलाफ को आपराधिक प्रकरण नहीं चलाना चाहती है। अनावेदक ने यह स्वीकार किया है कि उसने दूसरा विवाह किया है। आवेदिका से न्यायालय से तलाक नहीं लिया गया है। जो कि धारा 494 के तहत कानूनी अपराध है। बच्चे की पढाई और घर खर्च के लिए अनावेदक द्वारा आयोग के समक्ष बताया कि 10 हजार रूपये प्रतिमाह देते है। अनावेदक ने अपने नया घर बनाया है जिसमें जनवरी में आवेदिका व उनकी बच्ची साथ रहेगी और उक्त मकान को अपने बच्ची के नाम पर करेंगे। इस स्तर पर प्रकरण को आयोग द्वारा निगरानी में रखा गया।