न्यायाधीश ने साक्ष्य छिपाने का प्रयास करने की धारा के तहत 3 वर्ष कारावास की सजा अलग से सुनाई है। साथ ही दोनों ही धाराओं के तहत क्रमश: 300 और 100 रुपए जुर्माना भी किया है। जुर्माना की राशि जमा नहीं करने पर 3 व 1 वर्ष कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी। प्रकरण के मुताबिक दोषी युवक ने 14 दिसंबर रात दो बजे ड्यूटी से घर पहुंचा था। तब उसकी पत्नी यामिनी साहू पलंग पर बैठी थी। मौका देखते ही अभियुक्त ने गमछे से पहले पत्नी का गला घोट हत्या कर दी। बाद में चोटी को काट पलंग पर रख दिया और कैची को घर के सामने मुरम खदान में फेक दिया। जिस गमछे से गला घोटा था उसे बैग में छिपाकर रख दिया।
रात 3 बजे पत्नी के शरीर में हलचल नहीं होने की जानकारी तुमेश्वर ने अपने मां व पिता को दी। इसके बाद वह सुपेला थाना पहुंचकर घटना की जानकारी दी। मामले में पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद सुबह पांच बजे अज्ञात के खिलाफ हत्या की धारा के तहत एफआइआर कर जांच में जुट गई। पोस्टमार्टम के दौरान पुलिस ने डॉक्टर से शार्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट लिया और दोपहर 3 बजे नए सिरे से पूछताछ की। इसके बाद अभियुक्त सवाल जवाब में घिरते गया और अपराध करना स्वीकार कर लिया।
अभियुक्त ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी कुथरेल निवासी यामनी से सात माह पहले 2 मई 2017 को हुई थी। इस दौरान यामिनी इस बात को लेकर अक्सर ताने देती थी कि उसने गर्लफे्रंड रखा है और वह उसी से संबंध बनाता है। दोनों के बीच इसी बात को लेकर अक्सर विवाद होता था।
घटना के समय पूरे प्रदेश में चोटी काटने की घटना सोशल मीडिया में छाया था। अभियुक्त ने इसका फायदा उठाया और यह साबित करने का प्रयास किया कि उसकी पत्नी की हत्या भी चोटी काटने वाले किसी गिरोह ने की है। उसने मामले को अंध विश्वास से भी जोडऩे का प्रयास किया, लेकिन उसकी कहानी ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई। अतिरिक्त लोक अभियोजक फरिहा अमीन ने बताया कि प्रकरण में 13 गवाह थे। सभी गवाह अपने अपने बयान पर अडिग रहे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि सुपेला पुलिस ने समयबद्ध तरीके से कार्रवाई से की थी। इससे घटना और अभियुक्त की कड़ी जुड़ते गई और आरोपी को न्यायालय ने दोषी ठहाराया।