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आइएचएसडीपी आवास गड़बड़ी मामले में दो कर्मचारियों का निलंबन यथावत

locationदुर्गPublished: Jul 13, 2019 12:39:29 am

Submitted by:

Naresh Verma

उरला के आइएचएसडीपी आवासों के प्रीमियम व किराए की राशि में गोलमाल और घालमेल के आरोप में निलंबित कर्मियों की पिछले दरवाजे से बहाली पर निगम की एमआइसी की बैठक जमकर गरमाई।

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आइएचएसडीपी आवास गड़बड़ी मामले में दो कर्मचारियों का निलंबन यथावत

दुर्ग . उरला के आइएचएसडीपी आवासों के प्रीमियम व किराए की राशि में गोलमाल और घालमेल के आरोप में निलंबित कर्मियों की पिछले दरवाजे से बहाली पर निगम की एमआइसी की बैठक जमकर गरमाई। सदस्यों ने मामले में अफसरों से करीब घंटेभर तक जवाब तलब किया। सदस्यों के सवाल का अफसर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। आखिर में बहाल किए गए कर्मियों को वापस निलंबित किए जाने के कमिश्नर सुनील अग्रहरि के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच के लिए अफसरों की दो सदस्यीय टीम बनाने का भी फैसला किया गया।
महापौर चंद्रिका चंद्राकर की अध्यक्षता में एमआइसी की बैठक डाटा सेंटर में हुई। बैठक में राजस्व प्रभारी शिवेंद्र परिहार और लोककर्म प्रभारी दिनेश देवांगन ने आइएचएसडीपी आवास में घालमेल और दोषी कर्मचारियों की बहाली को लेकर पत्रिका में प्रकाशित खबर का हवाला देते हुए मामला उठाया। सदस्यों का कहना था कि मामला बेहद गंभीर है। कर्मचारियों पर प्रीमियम और किराए की राशि गबन करने का आरोप है। इसके बाद जांच व कार्रवाई में गड़बड़ी की जा रही है। इससे नगर निगम की छवि खराब हो रही है। इस पर एकमतेन सदस्यों ने अफसरों की भूमिका पर सवाल खड़े किए। सदस्यों ने अब तक की कार्रवाई और कर्मचारियों की बहाली पर भी जानकारी मांगी।
चल-अचल संपत्ति की जांच की मांग उठी
बैठक में सदस्यों ने दोषी कर्मचारियों के चल अचल संपत्तियों की भी जांच की मांग उठाई। सदस्यों का कहना था कि दोषी कर्मियों का रहन-सहन पिछले कुछ सालों में बेहद बदली है। ऐसे में आर्थिक स्रोत की जांच कराई जानी चाहिए। सदस्य इससे पहले भी एमआइसी की बैठक में चल-अचल संपत्तियों की जांच की मांग उठा चुके हैं।
127 कार्यों की घोषणा पर भी घिरे कमिश्नर
राज्य शासन द्वारा रोके गए 14.64 करोड़ के 127 कार्यों को लेकर भी सदस्यों की जोरदार नाराजगी फूटी। सदस्य निगम कमिश्नर द्वारा सामान्य सभा की बैठक में इन कार्यों की स्वीकृति संबंधित घोषणा पर जवाब चाह रहे थे। इस दौरान सदस्यों ने विधायक अरुण वोरा पर गलत बयानबाजी के भी आरोप लगाए।
अफसर खंगालेंगे फाइल, होगी नए सिरे से जांच
बैठक में मामले की जांच के लिए अफसरों की दो सदस्यीय टीम बनाने का फैसला किया। टीम की अगुवाई इंजीनियर जगदीश केशरवानी करेंगे। उनके साथ इंजीनियर आरके जैन को सहायक अधिकारी बनाया गया है। अफसरों को आवासों की स्थिति और संबंधित फाइलों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा गया है।
मामला पुलिस के पाले में डालकर बचने की कोशिश
आवासों की राशि में घालमेल के मामले में सहायक राजस्व निरीक्षक संजय मिश्रा व सहायक ग्रेड तीन मंदाकिनी वर्मा के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने पुलगांव पुलिस को पत्र लिखा गया था। बैठक में अफसर इसी पत्र का हवाला देकर बचने की कोशिश करते रहे। उनका कहना था कि पुलिस ने मामला अहस्तक्षेप योग्य बताया है, इसलिए कर्मियों को बहाल किया गया है।
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