पुलिस ने सुरेन्द्र जैन से घंटों पूछताछ की थी। नशीली और प्रतिबंधित दवा के सप्लायर तक पहुंचने का प्रयास किया था। इस दौरान सुरेन्द्र जैन ने इतना ही खुलासा किया था कि दवा बेचने शहर में बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। लोग बाहर से भी दवा लेकर आते हैं और बेचकर लौट जाते हैं। इसी सूचना के बाद पुलिस ने बस स्टैंड में तंत्र को मजूबत किया।
पुलिस ने कार्रवाई में ड्रग इंस्पेक्टर बृजराज सिंह को साथ लिया था। दवा का नाम और बैच नंबर देखने के बाद दवा प्रतिबंधित है कि नहीं इसकी पुष्टी ड्रग इंस्पेक्टर ने की। पुलिस ने नशे के कारोबार करने वालो के खिलाफ लगातार दूसरे दिन कार्रवाई की। गुरुवार को शनिचरी बाजार में संचालित हर्ष इलेक्ट्रानिक्स से पुलिस ने नशीली दवा का जखीरा जब्त किया था। इस मामले में दुकान संचालक सुरेन्द्र जैन (52 वर्ष) को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
सिविल सर्जन जिला अस्पताल दुर्ग डॉ. केके जैन ने बताया कि जो ड्रग जब्त की गई है आमतौर पर वह मरीज को अत्याधिक दर्द होने पर दिया जाता है। ये दवाएं सामान्य तौर पर डॉक्टर की पर्ची के बिना दिया जाना प्रतिबंधित है। कुछ लोग इसे नशे के लिए उपयोग करते हैं। पहले एक इंजेक्शन या गोली लेते हैं। दूसरे दिन दो से लेकर चार गोली तक सेवन करते हैं। धीरे-धीरे शरीर ड्रग का आदि हो जाता है और इसकी मात्रा बढ़ती जाती है। लगातार इस दवा के सेवन करने पर लीवर पूरी तरह काम करना बंद कर देता है और कई गंभीर बीमारी सामने आती है। व्यक्ति की मौत हो जाती है।