दुर्ग

प्रतिबंधित दवा बैग में भरकर बिलासपुर से बेचने आया था नशे का सौदागर, पुलिस ने घेराबंदी करके दबोचा

एक दिन पहले भी पुलिस ने इलेक्ट्रिनिक्स दुकान की आड़ में प्रतिंबधित नशीली दवाएं बेचने वाले गिरफ्तार किया था।

दुर्गApr 13, 2019 / 11:21 am

Dakshi Sahu

प्रतिबंधित दवा बैग में भरकर बिलासपुर से बेचने आया था नशे का सौदागर, पुलिस ने घेराबंदी करके दबोचा

दुर्ग. शहर में प्रतिबंधित नशीली दवा का अवैध कारोबार करने वालों को जाल फैला हुआ है। अधिक मुनाफे के लालच में ये अवैध काम करने वाले युवा वर्ग की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। दूसरे शहर से भी नशे का कारोबार करने वाले यहां आकर अवैध कारोबार कर रहे हैं। शुक्रवार को पुलिस ने नया बस स्टैंड में घेराबंदी कर नशा का कारोबार करने वाले अन्नपूर्णा विहार बिलासपुर निवासी आशुतोष विश्वकर्मा (33) और भिलाई में सुपेला मार्केट के पास रहने वाले जसपाल सिंह (52) को गिरफ्तार किया। दोनों के खिलाफ नारकोटिक्स एक्ट के तहत कार्रवाई कर जेल भेजा गया।
एक दिन पहले भी पुलिस ने इलेक्ट्रिनिक्स दुकान की आड़ में प्रतिंबधित नशीली दवाएं बेचने वाले गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक आशुतोष विश्वकर्मा अपने साथी जसपाल के साथ काले रंग के बैग में नशीली दवा लेकर आया था। बैग नशीली दवा से भरा हुआ था। मुखबिर की सूचना मिलते ही पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें धरदबोचा। अवैध कारोबारी पर नजर रखने पुलिस ने पहले से ही बस स्टैंड में जाल बिछा रखा था। जैसे ही आरोपी सुलभ शौचालय के निकट पहुंचे घेराबंदी कर पकड़ा गया।
पुलिस को ऐसे मिला क्लू
पुलिस ने सुरेन्द्र जैन से घंटों पूछताछ की थी। नशीली और प्रतिबंधित दवा के सप्लायर तक पहुंचने का प्रयास किया था। इस दौरान सुरेन्द्र जैन ने इतना ही खुलासा किया था कि दवा बेचने शहर में बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। लोग बाहर से भी दवा लेकर आते हैं और बेचकर लौट जाते हैं। इसी सूचना के बाद पुलिस ने बस स्टैंड में तंत्र को मजूबत किया।
ड्रग इंस्पेक्टर का लिया सहयोग
पुलिस ने कार्रवाई में ड्रग इंस्पेक्टर बृजराज सिंह को साथ लिया था। दवा का नाम और बैच नंबर देखने के बाद दवा प्रतिबंधित है कि नहीं इसकी पुष्टी ड्रग इंस्पेक्टर ने की। पुलिस ने नशे के कारोबार करने वालो के खिलाफ लगातार दूसरे दिन कार्रवाई की। गुरुवार को शनिचरी बाजार में संचालित हर्ष इलेक्ट्रानिक्स से पुलिस ने नशीली दवा का जखीरा जब्त किया था। इस मामले में दुकान संचालक सुरेन्द्र जैन (52 वर्ष) को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
पुलिस के मुताबिक सुरेन्द्र जैन तीन साल से नशीली दवा बेचने के गोरखधंधे में लिप्त था। सीएसपी दुर्ग विवेक शुक्ला ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि बाइक सवार अपने साथी के साथ नया बस स्टैंड पहुंचेगा। उसके हाथ में काले रंग का बैग है। बैग में प्रतिबंधित दवा है। पुराने बस स्टैंड में प्वाइंट तैयार कर जाल बिछाया गया था। दोनों के खिलाफ नारकोटिक एक्ट के तहत कार्रवई की गई। बाइक सीजी 10 बीएल 8922 को भी जब्त किया गया है।
एक्सपर्टव्यू
सिविल सर्जन जिला अस्पताल दुर्ग डॉ. केके जैन ने बताया कि जो ड्रग जब्त की गई है आमतौर पर वह मरीज को अत्याधिक दर्द होने पर दिया जाता है। ये दवाएं सामान्य तौर पर डॉक्टर की पर्ची के बिना दिया जाना प्रतिबंधित है। कुछ लोग इसे नशे के लिए उपयोग करते हैं। पहले एक इंजेक्शन या गोली लेते हैं। दूसरे दिन दो से लेकर चार गोली तक सेवन करते हैं। धीरे-धीरे शरीर ड्रग का आदि हो जाता है और इसकी मात्रा बढ़ती जाती है। लगातार इस दवा के सेवन करने पर लीवर पूरी तरह काम करना बंद कर देता है और कई गंभीर बीमारी सामने आती है। व्यक्ति की मौत हो जाती है।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.