इससे पहले भी टाउन एंड कंट्री प्लानिंग द्वारा मास्टर प्लान के प्रावधानों के विपरीत अवैध प्लाटिंग की शिकायत पर मार्च 2020 में चार किसानों को नोटिस जारी किया गया था। इनमें गवली पारा दुर्ग के पदम जैन पिता ज्ञानमल जैन, मोहलाई की लक्ष्मीन गनपत, जमुनादास पिता शिव भगत और भभूत पिता बैगा शामिल थे। इन किसानों द्वारा खसरा क्रमांक 32, 33, 34, 35-1 व अन्य भूमि पर अवैध प्लाटिंग पाया गया है।
टाउन प्लानिंग ने नोटिस में किसानों को 7 दिन के भीतर अवैध प्लाटिंग हटा लेने के लिए कहा था। अन्यथा की स्थिति नगर एवं ग्राम निवेश अधिनियम की धारा 37 की उपधारा 6-क व ख के तहत कार्रवाई कार्रवाई करने और निर्माण हटाकर बेदखल किए जाने की चेतावनी दी गई थी। इसके साथ ही भू-राजस्व संहिता के तहत खर्च की वसूली की भी चेतावनी दी गई थी। इसे करीब दो साल होने को है, लेकिन टाउन प्लानिंग फाइल नहीं बढ़ा रहा है।
मोहलाई व आसपास के ग्रामीण अवैध प्लाटिंग की लगातार शिकायत करते रहे हैं। इसी इलाके में डायवर्टेड के नाम पर कृषि भूमि थमा दिए जाने से नाराज खरीदार अशोक मिश्रा ने कलेक्टर के समक्ष इसकी शिकायत की थी। इस पर शिकायतकर्ता को मामले की जांच व कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया था। एसडीएम द्वारा इसके बाद संबंधित पटवारियों से जानकारी मंगाकर नोटिस जारी किया गया था।
जिला प्रशासन द्वारा शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं किए जाने से इस इलाके में अवैध प्लाटिंग करने वालों के हौसले बुलंद है। शिकायतकर्ता मोहलाई व बघेरा के किसानों की मानें तो प्रशासन के नोटिस जारी करने के बाद भी अवैध प्लाटिंग का दायर 100 एकड़ से बढ़कर करीब 130 एकड़ पहुंच गया है। यहां प्लाट में खुलेआम मोबाइल नंबर के बोर्ड लगाए गए हैं। इसके अलावा विक्रेता टेंट लगाकर पूरे दिन बैठे रहते हैं