scriptपति की मृत्यु के बाद ससुरालियों ने बहू को नहीं दिया संपत्ति में हिस्सा, महिला आयोग ने कहा पति की हर संपत्ति में बराबर का हक | In Durg, the women's commission heard 22 cases | Patrika News

पति की मृत्यु के बाद ससुरालियों ने बहू को नहीं दिया संपत्ति में हिस्सा, महिला आयोग ने कहा पति की हर संपत्ति में बराबर का हक

locationदुर्गPublished: Oct 02, 2021 03:39:49 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने जिले से आयोग को प्राप्त प्रकरणों की सुनवाई की। सुनवाई के लिए 27 प्रकरण रखे गए थे। जिसमें से पक्षकारों की उपस्थिति में 22 प्रकरणों की सुनवाई हुई।

पति की मृत्यु के बाद ससुरालियों ने बहू को नहीं दिया संपत्ति में हिस्सा, महिला आयोग ने कहा पति की हर संपत्ति में बराबर का हक

पति की मृत्यु के बाद ससुरालियों ने बहू को नहीं दिया संपत्ति में हिस्सा, महिला आयोग ने कहा पति की हर संपत्ति में बराबर का हक

दुर्ग. राज्य महिला आयोग (CG Rajya Mahila Aayog) की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने जिले से आयोग को प्राप्त प्रकरणों की सुनवाई की। सुनवाई के लिए 27 प्रकरण रखे गए थे। जिसमें से पक्षकारों की उपस्थिति में 22 प्रकरणों की सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद 18 प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। संवेदनशील 2 प्रकरण पर रायपुर में सुनवाई का फैसला किया गया। आयोग की सुनवाई में मानसिक उत्पीडऩ, शारीरिक उत्पीडऩ, दहेज प्रताडऩा घरेलू हिंसा, संपत्ति विवाद, कार्यस्थल पर प्रताडऩा व दैहिक शोषण से संबंधित प्रकरण थे। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को सुना गया। इनमें एक प्रकरण में आवेदिका ने अपनी पति की मृत्यु के उपरांत पारिवारिक संपत्ति पर हिस्सा नहीं दिए जाने का मामला दर्ज कराया था।
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सुनवाई के दौरान यह पता चला कि आवेदिका के पति की मृत्यु हो गई है। ससुर के नाम पर 3 मकान हैं। उनकी भी मृत्यु हो गई है। ससुर की मृत्यु के उपरांत नामांतरण में एक मकान में पति का नाम अंकित है। शेष 2 मकान में सास व उनकी 3 पुत्रियों का नाम दर्ज है। जिस मकान में पति का नाम दर्ज है उसमें अपना हिस्सा चाहती है। आयोग ने कहा कि चूंकि एक मकान में पति का नाम दर्ज है इसलिए उस मकान पर पत्नी का हिस्सा बनता है। सुनवाई में कहा गया कि सास व 3 पुत्रियों के साथ ही पति का नाम दर्ज होने के चलते उक्त संपत्ति पर पति का बराबर हिस्सा बनता है। आयोग ने दोनों पक्षकारों को समझाइश दिया कि आपसी समझौता कर सकते हैं।
कामधेनु के दो प्रकरणों पर सुनवाई
कामधेनु विश्वविद्यालय अंजोरा से 2 प्रकरण आयोग के समक्ष सुनवाई के लिए रखा गया था। इनमें एक प्रकरण में अनावेदक ने आपत्ति दर्ज किया कि यह प्रकरण 3 वर्ष पुराना है। इस प्रकरण में आवेदिका की शिकायत पर लागातार विभागीय जांच और कार्यवाही लंबित है। आवेदिका द्वारा आयोग को एक सीडी प्रस्तुत किया गया है। उक्त सीडी का आडियो अनावेदक को सुनाया गया जिसमें उन्होंने अपनी आवाज बताया। आवेदिका के द्वारा आडियो के समर्थन में किसी प्रकार का कोई गवाह व तथ्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। दोनों पक्षकारों ने गवाह प्रस्तुत करने के लिए आगामी तिथि का मांग की।
कुलपति को भी बनाया पक्षकार
अंजोरा विश्वविद्यालय के एक दूसरे प्रकरण में बताया गया कि यह मामला उच्च न्यायालय में चल रहा है। इस प्रकरण में अनावेदक व विश्ववद्यालय के द्वारा आवेदक पर प्रकरण वापस लेने का दबाव डाला जा रहा है। आयोग द्वारा आवेदिका को समझाइश दी गई कि अपने शिकायत को संशोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव को भी पक्षकार बनाते हैं तो आयोग द्वारा आगामी सुनवाई की जाएगी।
किराएादार को दी समझाइश
एक अन्य प्रकरण में किराएदार के द्वारा मकान खाली नहीं कराए जाने से संबंधित था। जिसमें आवेदिका के पति की मृत्यु हो जाने पर उनके नाम पर बने मकान में किराएदार अनावेदिका द्वारा अपना कब्जा कर रखा गया है। साथ ही पिछले 2 साल का किराया भी नहीं दिया गया है। साथ ही साथ किराएदार द्वारा मकान खाली भी नहीं किया जा रहा है। आयोग द्वारा किराएदार को समझाइश दिया गया कि किराया नामा के आधार पर मालिकाना हक प्राप्त नहीं किया जा सकता। आयोग ने दोनों पक्षकारों का आपसी समझौता कर मामले का निपटारा करने कहा है।
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