गोदनामा के समय निगरिश और मोरो एलियन भावुक हो गए थे। भारतीय भाषा का ज्ञान नहीं होने की वजह से वे अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर पा रहे थे, लेकिन संतान के रूप में बालक को अपनाने की आंखों में चमक रही उनकी खुशी को मातृछाया से जुड़ा हर व्यक्ति पढ़ रहा था। गोदनाम की औपचारिकता पूरी होते ही दोनों की आंखें भर आई और मासूम को गले से लगा लिया।
दोनों कानूनी प्रक्रिया को पूरी करने और बच्चे से मेलजोल बढ़ाने के लिए 15 दिनों से शहर में ही थे। रोज मातृछाया में बच्चे के साथ दिन बिताना दिनचर्या में शामिल हो गया। बच्चे को गोदनामा पर देने के लिए आयोजित सामारोह के मुख्य अतिथि डॉ. उदय कुमार थे। इनके अलावा डॉ. हिषीकर, प्रमोद बाघ, दिलीप देशमुख, समाज सेवी अजय तिवारी, विनायक नातू आदि उपस्थित थे।
निगरीश बेलेंटिना फिजियोथैरपिस्ट है। अंतराष्ट्रीय गोदनामा की वेबसाइट ऑफा में मासूम के बारे में जानकारी लेने के बाद उसने निश्चिय किया वह पोलियो ग्रस्त बच्चे को ही गोद लेंगी। उसने मासूम को अपने पैरों पर खड़ा कराने का दृढ़ संकल्प लिया है। उनका कहना है कि वह उसका ईलाज कर पूर्णरूप से ठीक करेगी और उसे काबिल इंसान बनाएगी।
गोदनामा के पहले मातृछाया के अतिथियों और सदस्यों ने पहले निगरीश की गोद भराई रस्म की। इसके लिए उसे भारतीय परिधान साड़ी पहनाकर तैयार किया गया। इसके बाद डॉ. उदय कुमार की पत्नी, सोनिया हिषीकर, सारिका बाघ ने गोदभराई की रस्म पूरी की। इस दौरान निगरीश बेहद खुश थीं और ध्यान से रस्म को देख रही थीं।