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खुशखबरी, प्रदेशभर में आबादी में काबिज लाखों परिवारों को मिलेगा पट्टे की जमीन पर मालिकाना हक, कैसे यहां पढ़ें

locationदुर्गPublished: Jul 18, 2018 02:16:19 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

सरकार के इस फैसले से अकेले भिलाई में ही लगभग 27 हजार परिवारों को काबिज जमीन पर मालिकाना हक मिल जाएगा।

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खुशखबरी, प्रदेशभर में आबादी में काबिज लाखों परिवारों को मिलेगा पट्टे की जमीन पर मालिकाना हक, कैसे यहां पढ़ें

भिलाई. ट्विनसिटी सहित प्रदेश के पूरे शहरी क्षेत्रों में आबादी व नजूल पट्टे का वितरण किया जाएगा। खासतौर पर 1984 में जारी किए गए पट्टों का नवीनीकरण कर उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। साथ ही आबादी भूमि पर वर्तमान में जो परिवार काबिज हैं उनके नाम पर पट्टे जारी किए जाएंगे। सरकार के इस फैसले से अकेले भिलाई में ही लगभग 27 हजार परिवारों को काबिज जमीन पर मालिकाना हक मिल जाएगा।
मंगलवार को मंत्री मंडलीय उप समिति की बैठक हुई जिसमें शहरी क्षेत्रों में आबादी व नजूल पट्टे का वितरण, नवीनीकरण एवं अनाधिकृत विकास के नियमितीकरण अधिनियम के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। निगम क्षेत्र में हजारों ऐसे परिवार जिनके पास पट्टा नहीं होने की वजह से वे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, उन्हें लाभ मिलेगा। इसके अलावा हजारों की संख्या में ऐसे परिवार भी हैं जिनका 1984 में जारी किया गया पट्टा अभी तक नवीनीकृत नहीं हो पाए हैं, वे भी लाभान्वित होंगे।
20 हजार से अधिक पट्टेधारकों को होगा फायदा
भिलाई नगर निगम क्षेत्र में 20 हजार से अधिक ऐसे परिवार निवासरत हैं जिन्हें वर्ष 1984 के बाद आबादी पट्टा प्रदान किया गया था। 30 वर्ष की अवधि समाप्त हो जाने के बाद वे पट्टे का नवीनीकरण की मांग कर रहे थे। हालांकि इनमें से लगभग 9० फीसदी परिवारों ने अपने पट्टे की जमीन दूसरे को बेच दी है। वर्तमान में काबिज परिवार नवीनीकरण नहीं होने से परेशान हैं। राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय की इस पहल से अब इन हजारों परिवारों का पट्टा नवीनीकरण किया जा सकेगा।
7 हजार काबिज परिवारों को मिलेगा नया पट्टा
इसके अलावा निगम क्षेत्र के वैशालीनगर, नेहरू नगर, सुपेला, कैंप क्षेत्र, स्मृति नगर, खुर्सीपर, रुआबांधा, मरोदा, जोरातराई आदि क्षेत्रों में करीब 7 हजार ऐसे परिवार हैं जो आबादी क्षेत्र में निवासरत हैं, लेकिन उनके पास पट्टा नहीं है। वर्तमान में आबादी जमीन में काबिज लगभग 7 हजार ऐसे परिवार हैं जिनके पास पट्टा नहीं है उन्हें भी पट्टा प्रदान किया जाएगा।
निर्धारित शुल्क अदा कर करा सकते हैं पट्टा अपने नाम
निगम क्षेत्र में निवासरत लगभग 20 हजार परिवार जिनके पास वर्ष 1984 में प्रदान किया गया पट्टा है उनमें से कई लोगों ने अपना घर दूसरों को बेच दिया है। यह अवैधानिक है। पट्टा दूसरे व्यक्ति के नाम हस्तांतरित नहीं हो सकता। इस पर फैसला किया है कि व्यक्ति अब निर्धारित शुल्क अदा करके पट्टा अपने नाम करा सकेंगे। इसके लिए उसे स्वयं उस आबादी जमीन पर काबिज होना जरूरी है।
20 हजार से अधिक पट्टेधारकों को होगा फायदा
भिलाई नगर निगम क्षेत्र में 20 हजार से अधिक ऐसे परिवार निवासरत हैं जिन्हें वर्ष 1984 के बाद आबादी पट्टा प्रदान किया गया था। 30 वर्ष की अवधि समाप्त हो जाने के बाद वे पट्टे का नवीनीकरण की मांग कर रहे थे। हालांकि इनमें से लगभग 9० फीसदी परिवारों ने अपने पट्टे की जमीन दूसरे को बेच दी है। वर्तमान में काबिज परिवार नवीनीकरण नहीं होने से परेशान हैं। राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय की इस पहल से अब इन हजारों परिवारों का पट्टा नवीनीकरण किया जा सकेगा।
राजस्व विभाग द्वारा पूर्व में सभी जिला कलेक्टरों को पुरानी प्रचलित आबादी भूमि पर विधिपूर्वक काबिज परिवारों को आबादी पट्टा प्रदान करने के निर्देश जारी किए गए थे। लेकिन रायपुर, दुर्ग सहित कुछ जिलों में पट्टा वितरण नहीं किये जाने की शिकायत सामने आ रही थी। जिसके चलते हजारों परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। इसी तरह पुराने पट्टों का नवीनीकरण नहीं किये जाने से वे भी योजना के लाभ से पूरी तरह वंचित थे।
कब्जे की जमीन नियमित होगी
पट्टे के अलावा आसपास काबिज जमीन को भी पट्टेधारक के नाम पर बहुत ही कम दर पर नियमित करने पर विचार किया जा रहा है। आवासीय क्षेत्रों में 10 से 20 रुपए और व्यावसायिक क्षेत्र में नियमितीकरण की यह दर 20 से 50 रुपए प्रतिवर्ग फूट हो सकती है। इससे नगर निगम को लगभग 20 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय हो सकती है।
शहर में 42 हजार पट्टेधारक हैं
फिलहाल अभी यह फैसला 1984 के पट्टेधारकों के लिए लिया गया है जिनकी 30 साल की अवधि पूरी हो गई है। इसके अलावा 1998 और वर्ष 2000 में भी शहर में पट्टे बांटे गए हैं। तीनों योजनाओं को मिलाकर लगभग 42 हजार पट्टेधारक शहर में बताए जाते हैं जो सरकार के इस फैसले से देर-सबेर लाभान्वित होंगे।
एक और बड़े फैसले का भी लाभ शहर के हजारों परिवारों को मिलेगा। विभिन्न हाउसिंग सोसायटियों द्वारा बनाई गई कॉलोनियों में निवासरत लोगों को अभी भी एनओसी के लिए भटकना पड़ रहा है। भिलाई में ही कई कॉलोनियों में हितग्राहियों के मकान की रजिस्ट्री इन्हीं पेचीदगियों के कारण नहीं हो पा रही है।
अविभाजित मध्यप्रदेश के दौर से कई कालोनियों में लोगों ने जमीन-मकान लिया है,परंतु आज तक उनकी रजिस्ट्री लंबित है। इस मामले पर भी समिति ने विचार किया है। राजस्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने बताया कि मंत्री मंडलीय उप समिति की बैठक में शहरी क्षेत्रों में आबादी व नजूल पट्टे का वितरण और वर्तमान में काबिज परिवार के नाम पर ही पट्टे को नियमित करने पर विचार किया जा रहा है। अभी अंतिम पैसला नहीं किया गया है।

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